महिला से इतने रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया रिश्वतखोर हेड कांस्टेबल
शुक्रवार को राजस्थान के उदयपुर के गोगुंदा थाने के हेड कॉन्स्टेबल मालीराम चौधरी को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने 11 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।हेड कॉन्स्टेबल दो महिलाओं के झगड़े को सुलझाने के मामले में ग्यारह हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था।
जब उदयपुर के आदिवासी इलाके में तैनात गोगुंदा थाने के हेड कॉन्स्टेबल मालीराम चौधरी के घर की तलाशी ली गई तो एसीबी की टीम हैरान रह गई। असल में,उसके घर से उदयपुर और राजसमंद जिलों के 40 शहरों और कस्बों में बेशकीमती जमीनों की रजिस्ट्री और एग्रीमेंट मिले हैं।
काफी जांच करने के बाद में पता चला कि मालीराम अपनी नौकरी के दौरान जिस थाने में रह रहा था वहां पर उसने गैरकानूनी तरीके से आदिवासियों की जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करा रखी है।गोगुंदा थाने में मालीराम आदिवासियों के सर्वे करने का इंचार्ज था।सरकार ने आदिवासी इलाकों में सर्वे करने के लिए पुलिस को जिम्मा दीया है,जिससे उनको सरकार की सुविधाएं पहुंचाई जा सकें।
हेड कॉन्स्टेबल मालीराम चौधरी ने अपने इस ओहदे का इस्तेमाल आदिवासियों की जमीन हड़पने में किया।रिश्वतखोरी के अलावा मालीराम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा भी दर्ज किया गया है।एंटी करप्शन ब्यूरो के एसपी सुधीर जोशी ने कहा कि मालीराम की गिरफ्तारी के बाद कई लोग सामने आए जिन्होंने जबरन जमीन हड़पने के आरोप लगाए हैं।उच्च अधिकारियों तक इस मामले की जानकारी दे दी गई है।
मालीराम के घर से कई फाइलें और दस्तावेज मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है।जांच में यह भी सामने आया कि 2014 में ही इलाके के डीएसपी ने मालीराम के बारे में लिखा था इसके कारनामे पुलिस की छवि बिगाड़ने वाले हैं।लेकिन अपने रसूख के बल पर मालीराम बच गया और उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।