वर्क फ्रोम होम से आप कहीं हो ना जाए ‘ कंप्यूटर विजन सिंड्रोम’ के शिकार, जाने क्या है ये और इससे बचने के उपाय

0

कोरोना वायरस के चलते आज पूरी दुनिया ही अपने अपने घरों में बंद है. ऑफिस वाले लोग अब ज्यादातर वर्क फ्रोम होम के द्वारा अपने ऑफिस का काम कर रहे हैं. जिससे एक जगह बैठकर कंप्यूटर पर लगाातर आंखें गढ़ाए रखने से लोगों में ‘कंप्यूटर विजन सिंड्रोम’ की परेशानी काफी बढ़ सकती है.

इस विषय में एम्स के प्रोफसर डॉ. तुषार अग्रवाल ने बताया कि जितनी छोटी स्क्रीन आप देखेंगे दर्द उतना ज्यादा बढ़ेगा. इसलिए अपने ऑनलाइन एक्टिविटीज़ को बड़ी स्क्रीन पर एक्सेस करें. इसके साथ ही, स्क्रीन से आंखों की निश्चित दूरी का भी ख्याल रखें. दोनों के बीच तकरीबन डेढ़ फीट का फासला होना जरूरी है. ज्यादा पास से देखने पर दर्द भी ज्यादा होगा.

एम्स के प्रोफेसर डॉक्टर तुषार अग्रवाल ने वर्क फ्रॉम होम के दौरान ‘कंप्यूटर विजन सिंड्रोम’ को लेकर सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने बताया यदि कोई व्यक्ति या बच्चा बहुत देर तक लगातार स्क्रीन को देखता रहता है तो उसकी आंखों पर बुरा असर पड़ने लगता है.

साथ ही डॉ. अग्रवाल ने कहा, ‘कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के शिकार लोगों की आखों में दर्द, सिरदर्द या आंख में पानी का सूख जाने जैसे लक्षण दिखते हैं. आपकी आंखें सही रहें इसके लिए कुछ चीजों का बारीकी से ध्यान रखना बेहद जरूरी है.’

डॉ. अग्रवाल कहते है कि अक्सर लोग स्क्रीन की तरफ देखते वक्त पलकें झपकाना भूल जाते हैं. कई मिनटों तक पलकें झपकाए बिना स्क्रीन देखने से आखों की टियर फिल्म (आंसुओं की लेयर) सूख जाती है और उसकी क्वालिटी भी खराब होने लगती है. इससे बचने के लिए 20-20-20 का एक खास फॉर्मूला अपनाने से आपकी दिक्कतें कम हो सकती हैं.

20-20-20 फॉर्मूले को इस प्रकार समझ सकते है मान  आप कोई काम अपनी स्क्रीन पर कर रहे है. 20 मिनट बाद उसी जगह पर बैठकर भी आप एक ब्रेक ले  और इस दौरान आपको 20 फीट की दूरी पर सिर्फ 20 सेकेंड के लिए किसी चीज को देखना होगा. इससे आंखों पर लगातार पड़ने वाले दबाव में कमी आती है. दूसरा, बच्चे या घर के किसी अन्य सदस्य का स्क्रीन टाइम घटाने से परेशानी कम हो सकती है.

इस तरह से आपके काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा साथ ही आपकी आंखें भी स्वस्थ बनी रहेंगी.  

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *