Russia-Ukraine: 14 महीने से जारी युद्ध में अब तक क्या हुआ, यूक्रेन और रूस ने क्या खोया क्या पाया?

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रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल से भी ज्यादा हो गए हैं। पिछले साल 24 फरवरी के दिन से दोनों देशों के बीच भीषण जंग शुरू हुई। अभी भी ये जंग जारी है। दोनों में से कोई भी देश पीछे हटने को तैयार नहीं है।

एक साल से भी ज्यादा समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ी खबर आई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की हत्या की साजिश रचे जाने का दावा किया गया है। यह दावा रूस की तरफ से ही किया गया है। मॉस्को का कहना है कि यूक्रेन ने क्रेमलिन पर ड्रोन से हमला करने की कोशिश की। क्रेमलिन ने इसे आतंकवादी कृत्य करार दिया है और जवाब देने के उसके अधिकार तहत कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है।

रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल से भी ज्यादा हो गए हैं। पिछले साल 24 फरवरी के दिन से दोनों देशों के बीच भीषण जंग शुरू हुई। अभी भी ये जंग जारी है। दोनों में से कोई भी देश पीछे हटने को तैयार नहीं है। ऐसे में आइए जानते हैं कि अब तक क्या-क्या हुआ? कितने लोगों की मौत हुई? यूक्रेन में कितनी तबाई हुई? जंग कब तक चलेगी?

जब कीव पर हवाई हमले होने लगे
23 फरवरी 2022 की रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य ऑपरेशन का एलान किया। चंद घंटे बाद यानी 24 फरवरी की तड़के सुबह अचानक यूक्रेन की राजधानी कीव और आसपास के शहरों में हवाई हमले होने लगे। रूस के इस हमले से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया। यूक्रेन का साथ देने के लिए नाटो सदस्य देश खड़े हो गए। अमेरिका, ब्रिटेन, पोलैंड, फ्रांस समेत कई देशों ने युद्ध से बाहर रहते हुए यूक्रेन को मदद पहुंचानी शुरू कर दी।

एक साल में तीन लाख से ज्यादा लोग मारे गए
रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों का कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। रूस की तास न्यूज एजेंसी का दावा है कि 3,00,000 यूक्रेनी सैन्यकर्मियों मारे गए हैं। वहीं, व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि दिसंबर के बाद से रूस में 20,000 से अधिक सैनिक मारे गए हैं। यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के अनुसार, 24 फरवरी, 2022 से 3 मई, 2023 तक, यूक्रेन के रक्षा बलों ने 191,940 रूसी आक्रमणकारियों को ढेर कर दिया। दोनों तरफ से लाखों जवान और नागरिक लापता भी हैं।

यूक्रेन पर कितना कब्जा कर पाया रूस? 
रूस अब तक यूक्रेन के मैरियूपोल, दोनेत्स्क, खेरसॉन, लुहांस्क पर पूरी तरह से कब्जा कर चुका है। युद्ध के बाद रूस ने माइकोलाइव और खारकीव पर भी कब्जा कर लिया था। हालांकि, बाद में यूक्रेनी सेना ने रूस को जोरदार टक्कर देते हुए इन दोनों राज्यों पर वापस कब्जा जमा लिया। अभी भी कई राज्यों में रूस और यूक्रेन के बीच आक्रामक युद्ध जारी है। 

हालांकि, ये वही राज्य हैं, जो रूस से सटे हुए हैं। नए शहरों पर कब्जा करने के साथ-साथ रूसी सैनिक अपने इलाकों की रक्षा में जुटी यूक्रेनी सेनाओं पर तोप से गोले बरसा रहे हैं। उन पर रॉकेटों से भी हमला हो रहा है। रूस इस वक्त दो तरफ से उत्तर में आइजम और पश्चिम में सेवेरदोनेत्स्क से हमला कर रहा है।

यूक्रेन की मदद को कई देशों ने बढ़ाया हाथ
रूसी हमले के विरोध में अमेरिका समेत दुनिया के कई देश यूक्रेन के साथ आ गए। अभी दुनिया के 80 से ज्यादा देशों से यूक्रेन को अलग-अलग तरह से मदद मिल रही है। इनमें 31 देश ऐसे हैं, जो यूक्रेन को घातक हथियार और मिसाइलें दे रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सोमवार को ही  यूक्रेन पहुंचे। यहां उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। इसके अलावा ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई अन्य देशों के राष्ट्रपति और राष्ट्राध्यक्ष भी यूक्रेन का दौरा कर चुके हैं।

कौन-कौन सा देश किस तरह से यूक्रेन की मदद कर रहा? 
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक अमेरिका ने यूक्रेन को एक हजार मिलियन यूएस डॉलर के हथियार दिए हैं। इसके अलावा यूरोपियन यूनियन की तरफ से एक हजार मिलियन यूएस डॉलर की लीथल एड दी गई है। ब्रिटेन, फ्रांस, नीदरलैंड, जर्मनी, समेत कई देश यूक्रेन को हथियार सप्लाई कर रहे हैं। 

अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से अब तक यूएस ने यूक्रेन में रक्षा संसाधनों को मजबूत करने के लिए 30.4 बिलियन डॉलर से ज्यादा की रकम खर्च किया है। 2014 में भी रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। बाइडेन एक बार फिर से यूक्रेन पहुंचे। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक जो बाइडन ने कीव के दौरे के दौरान यूक्रेन को 50 करोड़ डॉलर (500 मिलियन डॉलर) की अतिरिक्त सैन्य सहायता देने की घोषणा की है। ‘द कनवरसेशन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने दस करोड़ से ज्यादा गोले-बारूद यूक्रेन को दिए हैं। इसमें राइफल्स, तोप, हैंडगन शामिल हैं। इनके अलावा कनाडा, ग्रीस, लिथुआनिया, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवेनिया जैसे देशों से भी इस तरह के हथियार यूक्रेन को मिल रहे हैं।

युद्ध का दूसरे देशों पर क्या असर पड़ा?
 युद्ध शुरू होने के कुछ दिन बाद ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमोडिटी की कीमतों में उछाल आई। कच्चा तेल 140 डॉलर प्रति बैरल के करीब जा पहुंचा जो 2008 के बाद कच्चे तेल के दामों का सबसे ऊंचा स्तर था। गैस के दामों से लेकर स्टील, एल्युमिनियम, निकेल से लेकर सभी कमोडिटी के दाम आसमान छूने लगे। इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर देखा गया। वैश्विक महंगाई आसमान छूने लगी। युद्ध के चलते सप्लाई चेन पूरी तरह से बाधित हो गई। यूक्रेन पर हमला बोलने के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया जिससे रूस को आर्थिक तौर से नुकसान पहुंचाया जा सके।

अब आगे क्या? 
इसे समझने के लिए हमने विदेश मामलों के जानकार डॉ. आदित्य पटेल से बात की। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल दोनों देशों के बीच सुलह की कोई संभावना नहीं दिख रही है। रूस और यूक्रेन दोनों पीछे हटने को तैयार नहीं है। यूक्रेन को अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों का साथ मिल रहा है तो रूस भी अपने कदम पीछे नहीं हटाना चाहता है। ऐसे में युद्ध रुकने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति भी अचानक यूक्रेन पहुंचे। यहां उन्होंने यूक्रेन को हर तरह से मदद करने का भरोसा दिला दिया है। इससे रूस फिर भड़क गया है।’

मार्च में बखमुट को हथियाने का दावा 
रूस-यूक्रेन को 24 फरवरी 2023 को एक साल हो गए फिर भी युद्ध रुका नहीं। इसके बाद मार्च का महीना भी दोनों सेनाओं के लिए घातक साबित हुआ। बखमुट क्षेत्र में भीषण लड़ाई जारी रही, हर पक्ष बार-बार दावा करता रहा कि पूर्वी शहर पर उनका नियंत्रण है। पश्चिमी सैन्य विश्लेषकों का दावा है कि यूक्रेनी बलों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस बीच, यूक्रेन को पश्चिमी भारी टैंकों की पहली डिलीवरी मिली, जिसमें ब्रिटिश चैलेंजर्स और जर्मन लेपर्ड देश के सशस्त्र बलों के लिए एक अहम रहे। पोलिश फाइटर जेट भी इसे हासिल हुए।

इसी दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने रूसी समकक्ष पुतिन से मुलाकात की। यह दौरा तब हुआ जब पश्चिमी देश आशंका जता रहे थे कि मास्को के लिए बीजिंग घातक सैन्य सहायता की आपूर्ति शुरू कर देगा।

अप्रैल में फिनलैंड ने दिया रूस को झटका 
अप्रैल महीने की शुरुआत में रूस को झटका देते हुए फिनलैंड नाटो समूह में आधिकारिक रूप से शामिल हो गया। इस महीने रूस ने अपने सैन्य मसौदे नियमों को कड़ा कर दिया। इसने सैनिकों को देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया और सर्विस के लिए गैरमौजूद रहने वालों के लिए दंड बढ़ा दिया।

ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय की खुफिया जानकारी के अनुसार, रूसी सैनिकों ने पूर्वी यूक्रेनी शहर पर अपना हमला तेज कर दिया, जिससे बखमुट की लड़ाई फिर से तेज हो गई। रूस ने स्लोवियांस्क के पूर्वी यूक्रेनी शहर पर भी बमबारी की, एक आवासीय क्षेत्र पर हमला किया और एक दर्जन से अधिक नागरिकों की मौत हो गई। उधर रूस के सीमावर्ती शहर बेलगॉरॉड में, एक ताप विद्युत संयंत्र में ड्रोन हमला हुआ।

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने चीन का दौरा किया और एक संयुक्त बयान में कहा कि वे यूक्रेन में युद्ध को बातचीत के जरिए समाप्त करना चाहते हैं। यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शिम्हाल ने वाशिंगटन का दौरा किया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने वाशिंगटन में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक सम्मेलन में ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। इससे पहले, अमेरिकी सीनेटरों का एक प्रतिनिधिमंडल कीव में जेलेंस्की से मिला।

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