नौ लोगों को मारकर कुएँ में फेंकने वाला आरोपी गिरफ्तार,पुलिस ने सुलझाई मर्डर मिस्ट्री

0

तेलंगाना के वारंगल में पिछले हफ्ते पुलिस को एक कुएँ में आठ लाशें मिली थी. आखिरकार पुलिस ने नौ लाशों के इस मामले की गुत्थी को सुलझा लिया है. पुलिस ने इस मामले के आरोपी संजय कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है.आरोपी संजय कुमार मजदूर है और बिहार का रहने वाला है.

पुलिस ने कहा कि आरोपी ने नौ लोगों की हत्या का खूनी खेल सिर्फ इसलिए खेला ताकि इस राज से पर्दा ना उठ सके कि वह अपनी प्रेमिका की हत्या कर चुका है.

जानकारी के मुताबिक, तीन दिन पहले गोरेकुंटा गांव से जो 9 शव पाए गए थे, जिसमें से 6 लोग एक ही परिवार के सदस्य थे. इस पूरे मामले को सुलझाने का काम छः पुलिस टीमें कर रहीं थीं. पुलिस ने दावा किया है कि 26 साल के आरोपी संजय कुमार यादव को सोमवार को जब गिरफ्तार किया गया तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

वारंगल पुलिस के कमिश्नर डॉक्टर रविंदर ने कहा कि 21 और 22 मई को कुएं से यह सभी लाशें मिली थीं. मामले की जांच शुरू की तो आरोपी संजय कुमार यादव का नाम सामने आया. संजय ने अपनी प्रेमिका रफीका की हत्या का अपराध छुपाने के लिए यह सब किया था.

आगे कमिश्नर डॉक्टर रविंदर ने कहा कि जिस कुएं से शव मिले थे, उसके पास ही बोरे बनाने की फैक्ट्री है. यहां पर प्रवासी मजदूर रहते हैं. आरोपी संजय भी यहीं रहता था. उसके साथ पश्चिम बंगाल का रहने वाला मकसूद पत्नी निशा और परिवार के छह सदस्यों के साथ रहता था. उसके साथ बिहार के दो और त्रिपुरा का एक युवक भी रहता था.

जांच में पता चला कि निशा की भतीजी 37 वर्षीय रफीका के साथ संजय के अवैध संबंध थे. रफीका भी पश्चिम बंगाल की ही रहने वाली थी, मगर वह अपने पति से अलग हो गई थी. रफीका के तीन बच्चे भी थे. संजय ने यहीं किराए पर एक कमरा ले रखा था,जहां रफीका और वो साथ साथ रहते थे.

कमिश्नर डॉक्टर रविंदर ने बताया कि कुछ समय से रफीका की बेटी पर भी संजय की गलत नजर थी. जिसकी जानकारी रफीका को हुई तो उसने संजय को उसकी बेटी से दूर रहने और पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने तक की चेतावनी भी दी थी. इस सबके बाद ही संजय ने रफीका की हत्या की साजिश रची थी. संजय ने उसने मकसूद को बताया कि वह रफीका से शादी करना चाहता है. इसके लिए रफीका के परिजन से बात करने बंगाल जा रहा है.

आगे कमिश्नर डॉक्टर रविंदर ने बताया कि बीती सात मार्च को संजय और रफीका पश्चिम बंगाल जाने के लिए ट्रेन में चढ़े थे. सफर के दौरान संजय ने रफीका को खाने में नींद की गोली मिलाकर दे दीं. रफीका के बेहोश हो जाने पर आरोपी ने पहले उसका गला घोंट दिया और फिर शव को ट्रेन से फेंक दिया था.

रफीका को जान से मार देने के बाद आरोपी संजय वारंगल वापस आ गया. जब निशा ने उससे रफीका के बारे पूछा तो वह ठीक से जवाब नहीं दे पाया. जिसके बाद निशा ने उसे पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी. निशा द्वारा दी गयी चेतावनी से आरोपी डर गया और हत्या की साजिश करने लगा. आरोपी संजय 16 मई से 20 मई के बीच मकसूद के परिवार से मिलने आता रहा. इस दौरान उसे 20 मई को मकसूद के बड़े बेटे का जन्मदिन होने के बारे में पता चला.

आरोपी ने यह जानकारी मिलने पर नींद की दवा खरीदी और मकसूद के घर पहुंचकर उनके खाने में मिला दी. इस मौके पर मकसूद का एक दोस्त शकील भी वहीं मौजूद था. फैक्ट्री के पहली मंजिल पर भी दो मजदूर थे. आरोपी ने उनके खाने में भी नींद की दवा मिला दी, उसे डर था कि यह लोग भी उसका भांडा फोड़ सकते हैं. इसके बाद जब सभी खाना खाकर सो गए, तब रात करीब 12:30 बजे संजय उठ गया. और उसने सभी को बोरों में बंद करके कुएं में फेंक दिया.

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *