खतरे में लाखों बच्चों का बचपन, छाया इस बीमारी का साया

0

आज हम बताएंगे देश के पहले राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण के बारें में। पंजाब – हरियाणा समेत देश के 30 राज्यों के शिशु व किशोरों के पोषण सम्बन्धित एक रिपोर्ट जारी की है। सर्वेक्षण के नतीजे बतातें हैं कि पंजाब के 5 से 9 साल के उम्र के 13.2 फ़ीसदी बच्चे और 10 से 19 साल की उम्र के 14 फ़ीसदी किशोर प्री-डॉयबटीज की चपेट में है।

वहीं हरियाणा की स्थिति तो बहुत ही ज़्यादा ख़राब है। 5 से 9 साल की उम्र के करीब 23.8 फ़ीसदी बच्चे और 10 -19 साल के 24.8 फ़ीसदी किशोर प्री डॉयबटीक पाए गए हैं। सर्वे के मुताबिक,इन बच्चों व किशोरों में एचबीएवनसी की मात्रा तय लिमिट से ज्यादा मिली है।

डायबिटीज से ठीक पहले की स्थिति को प्री-डॉयबटीज कहा जाता है। विषेशज्ञों का कहना है कि यदि ध्यान नहीं दिया गया तो अगले दो सालों में इनमें डायबटीज़ होने की प्रबल संभावना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से किये गए सर्वे बतातें हैं कि बच्चों को सम्पूर्ण पोषण न मिलने के कारण हुआ है। इसका असर उनकी लम्बाई पर भी पड़ रहा है।

सर्वे के मुताबिक पंजाब में पांच साल तक के 24.3 फीसदी बच्चों की लंबाई उम्र के हिसाब से कम है, जबकि इसी एज ग्रुप के हरियाणा के 40 फीसदी बच्चों की लंबाई उनकी उम्र के अनुसार कम पाई गई है। उम्र के अनुसार बच्चों का वजन भी चिंताजनक पाया गया है। पंजाब में पांच साल की उम्र के करीब 20 फीसदी बच्चे अंडरवेट हैं, जबकि हरियाणा में यह आंकड़ा 28.8 फीसदी है।

सही पोषण न मिलने के कारण बच्चे और किशोर एनिमिक भी हो रहे हैं। पंजाब में 1 से 4 साल की उम्र के करीब 40 फ़ीसदी बच्चे और 10 से 19 साल के 26 फ़ीसदी किशोर एनिमिक मिले हैं।

एक से चार साल की उम्र के करीब 48.3 फीसदी और 10-19 साल की उम्र के करीब 30 फीसदी किशोर एनिमिया से पीड़ित हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि एनिमिया होने का मतलब है कि बच्चों और किशारों का संपूर्ण विकास नहीं हो पाएगा। इससे उनकी कार्य और मानसिक क्षमता प्रभावित होने के आसार हैं।

इंडिकेटरपंजाबहरियाणा भारत
उम्र के हिसाब से लंबाई (अंडर-5) 24.3  34.934.7
उम्र के हिसाब से वजन (अंडर-5) 19.728.833.4
उम्र के हिसाब से लंबाई (अंडर 5-9)12.3 16.421.9
एनिमिया (अंडर 1-4)4048.3 40.6
एनिमिया (अंडर 10-19) 25.930 28.4
प्री डायबिटीज का रिस्क (5-9)13.223.89.2
प्री डायबिटीज का रिस्क (10-19)   9.5 24.8 9.5

यदि लोगों ने अगले दो सालों नै ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं किया तो वे डायबटीज़ के चपेट में आ जाएंगे। यदि किसी स्टेट के 14 या 20 फीसदी किशोरों पर डॉयबटीज का खतरा है तो यह खतरनाक स्थिति है।



About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *