सोनू सूद ने अपने पिता को लेकर किया बड़ा खुलासा, कहा शायद उनकी वजह से……
बॉलीवुड अभिनेता स्टार सोनू सूद इन दिनों प्रवासी श्रमिको के मसीहा बन कर सामने आये है. सोनू श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए लगातार जुटे हुए है. सोनू न सिर्फ श्रमिकों के लिए बसों का इंतज़ाम कर रहे है बल्कि उनके खाने पीने की भी व्यस्था में लगे हुए है. वे अब तक 18 हजार लोगों को उनके घरों तक पहुंचा भी चुके हैं. सोनू ने अनुमान से बताया है कि ये संकट की घड़ी जब तक खत्म होगी तक वे लगभग एक लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पंहुचा चुके होंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि फिलहाल वो 40-45 हजार लोगों को रोजाना भोजन भी करा रहे हैं.
इसके साथ ही सोनू सूद ने अपने पिता के बारे में बात करते हुए बताया कि उनके पिता पंजाब में आज तक एक छोटी सी दुकान चलाते हैं और इस दुकान से जो भी कमाई होती है, उससे उनके पिता रोज भूखे लोगों को लंगर खिलाते हैं. शायद यही वजह है कि सोनू सूद से इन मज़दूरों का दुख देखा नहीं गया और वो खुद उनकी मदद करने के लिए आगे आये है. सुनो सूद ने आगे कहा कि वे परिवार के साथ रहते हैं. ऐसे में उन्हें भी कोरोना संक्रमण का डर लगता है, किन्तु सावधानी रखकर वे लोगों के बीच जाते हैं और लोगों को उनके घरों तक भेजने का काम करते हैं.
सोनू सड़क पर जाकर ये सारी व्यवस्था खुद देख रहे है इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे सड़कों पर न जाते, तो यह संदेश लोगों के बीच न जा पाता कि कोई उनके जैसा है जो उनकी मदद कर रहा है. एक निजी अखबार एजेंसी से बात करते हुए सोनू सूद ने बताया कि सड़कों पर अपने पूरे परिवार के साथ भटकते मजदूरों को देखकर उन्हें बहुत कष्ट हुआ. उन्हें लगा कि उन्हें इनके लिए कुछ करना चाहिए क्योंकि जिन घरों में वे रहते हैं, जिन सड़कों पर वे चलते हैं, जिन स्टूडियो में वे काम करते हैं, वे सब इन मजदूरों ने ही बनाए हैं. ऐसे समय में आज जब वे कष्ट के दौर से गुजर रहे हैं, उन्हें उनकी इस पीड़ा को कम करने के लिए कुछ करना चाहिए.
बात को जारी रखते हुए सोनू सूद ने बताया कि उनकी पहली बस मजदूरों को लेकर कर्नाटक गई थी. इस बस पर बैठकर जाने के समय उन्होंने मजदूरों की आंखों में खुशी के जो आंसू देखे थे, वे उन्हें कभी भूल नहीं सकते. और उस दृश्य ने ही उन्हें लगातार आगे बढ़ने और इन लोगों के लिए कुछ करते रहने के लिए प्रेरित किया है.
सोनू सूद के द्वारा इस नेक काम से खुश होकर एक महिला ने अपने बच्चे का नाम सोनू सूद रखा है. सोनू ने बताया कि उन्हें जब इस बात की जानकारी हुई थी तो वे बहुत खुश हुए थे. इसके साथ ही सोनू ने बीते दिनों का एक किस्से को याद करते हुए कहा कि जब वे फिल्म इंडस्ट्री में आए थे तो कुछ लोग कहते थे कि वे इस नाम से प्रसिद्धि हासिल नहीं कर पाएंगे. इस पर उन्होंने कहा था कि यही नाम उन्हें यहां तक लेकर आया है तो आगे भी यही नाम लेकर जाएगा. उन्होंने अपने दोस्तों का नाम बदलने का सुझाव ठुकरा दिया.
सोनू लगातार प्रवासी श्रमिकों के लिए दिन रात एक कर रहे हैं. ऐसी स्थिति वे अपने पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन से तालमेल किस प्रकार से बैठा रहे है इस बारे में सोनू सूद कहते है कि उन्हें देर रात तक काम करना पड़ रहा है और वे पिछले तीन-चार रातों से सो भी नहीं पाए हैं. लेकिन लोग उन पर भरोसा कर रहे हैं और दिन-रात उनसे संपर्क कर अपने घर पहुंचना चाहते हैं, यह विचार ही उन्हें लगातार काम करते रहने के लिए प्रेरित करता है. साथ ही वह बताते हैं कि उनके बेटे ने उनसे कहा कि वे उन्हें समय नहीं दे पा रहे हैं. इस पर उन्होंने अपने बेटे को बताया कि उनके इस समय के कारण ही हजारों लोग अपने मां-बाप और अपने परिवार के साथ समय बिता पा रहे हैं.
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