घर पहुंची महिला ने किया ऐसा काम, सोनू सूद बोले- ‘मेरा सबसे बड़ा अवॉर्ड’
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में 31 मई तक लॉकडाऊन-4 घोषित हुआ है. ऐसे में अपने घर से दूर काम करने के लिए जो लोग दूसरे राज्यों में आए थे वो वही फँस गए हैं. लॉकडाऊन-4 में उनके काम की जगह बंद होने पर इन दिनों उनकी दिहाड़ी भी बंद है और उनके पास खाने तक के पैसे नहीं बचे है . अब बस वो किसी भी तरह घर पहुंचने को आतुर है, ऐसे ही मजदूरों की तरफ सोनू सूद ने मदद का हाथ बढ़ाया है। सोनू इन लोगों को घर पहुचाने के लिए बसे चलवाई है जिसके द्वारा हज़ारों लोग अपने घर पहुंचाये गए है. सोनू सूद लोगों की मदद करने के लिए लगातार सोशल मीडिया पर बने हुए है।
सोनू सूद लोगों की लगातार मदद कर रहें है जिसकी वजह से उनकी चारो तरफ प्रसंशा भी हो रही है। सोनू सूद इस वक़्त लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है।
महिला ने बच्चे का नाम रखा सोनू सूद
ट्विटर पर एक यूजर ने एक महिला की कहानी साझा की है. बताया गया है कि महिला को मुंबई से दरभंगा जाना था. वो महिला उस समय गर्भवती थी. अब ऐसी परिस्थिति में सोनू सूद ने आगे आकर उस महिला की मदद की. सोनू की पहल के चलते वो महिला मुंबई से दरभंगा पहुंच गई. अब उस महिला ने अपने बच्चे का नाम ही सोनू सूद रख दिया है. यूजर ट्वीट कर तारीफ करते हैं- काम बोलता है, और उस काम की इज्जत होती है, बाद में उस इज्जत को नाम दिया जाता है.
एक्टर ने बताया सबसे बड़ा अवॉर्ड
सोनू सूद ने जब ये ट्वीट देखा तो वो खुद को रिप्लाई देने से रोक नहीं पाए। सोनू सूद ने खुद ट्विटर पर शुक्रिया अदा किया और इसे अपना सबसे बड़ा अवॉर्ड बताया. एक्टर लिखते हैं- यह मेरा सबसे बड़ा अवार्ड. वैसे ये पहली बार नहीं है कि किसी फैन ने सोनू सूद के लिए इस अंदाज में शुक्रिया अदा किया हो. सोनू जिस स्तर पर इस समय मदद कर रहे हैं, उन्हें हजारों लोग ना सिर्फ दुआएं दे रहे हैं बल्कि सोशल मीडिया पर एक्टर की तारीफ भी कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें : ट्विटर पर यूजर ने बिहार में सोनू सूद की मूर्ति बनवाने की कही बात,तो अभिनेता ने दिया ये जवाब।
ये भी पढ़ें : सैलून भेजने की बात पर सोनू सूद ने इस मजेदार अंदाज में ली यूजर की चुटकी।.
ये भी पढ़ें : किंग्स इलेवन पंजाब ने भी की सोनू सूद की तारीफ, लोगों को काफी पसंद आ रहा तारीफ करने का ये तरीका।
ये भी पढ़ें : वीडियो: आखिर क्यों सोनू सूद ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए प्रवासी श्रमिकों से मांगी माफ़ी?