कौन है वो चाणक्य जिसने रोहित शर्मा को चन्द्रगुप्त बनाया? रोहित की पूरी गाथा

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कल भारत और वेस्ट इंडीज के बीच वनडे मैच खेला गया।  जिसमें टीम इंडिया ने रोहित शर्मा और विराट की दमदार पारी के दम पर  वेस्टइंडीज को राजकोट वनडे में आसानी से 8 विकेट से हरा दिया। टीम इंडिया को जीत के लिए 323 रनों की विशाल चुनौती मिली थी जिसे रोहित शर्मा और विराट कोहली के शतकों ने बौना साबित कर दिया। इन दोनों बल्लेबाजों ने धमाकेदार शतक लगाकर टीम इंडिया को 47 गेंद पहले जीत दिला दी। टीम इंडिया ने महज 42.1 ओवर में जीत हासिल कर ली।

रोहित शर्मा इस मैच के सबसे बड़े ‘रन’वीर बने। उन्होंने नाबाद 152 रनों की नाबाद पारी खेली। जो कि वनडे में उनका 20वां और वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला वनडे शतक है। इस पारी के दौरान टीम इंडिया के उपकप्तान ने सचिन के 2 विश्व रिकॉर्ड भी धराशाई कर दिए।

 

 

इस मैच में रोहित ने बनाए रिकॉर्ड

रोहित शर्मा ने वनडे करियर में छठी बार 150 से ज्यादा रनों की पारी खेल वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार 150 रनों की पारी खेलने वाले खिलाड़ी का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। इससे पहले ये रिकॉर्ड सचिन और वॉर्नर के नाम था।
इसके अलावा रोहित ने सचिन तेंदुलकर के 167 छक्कों के रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया, और अब वो भारत के सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले ओपनर भी बन गए हैं। वहीं शानदार फॉर्म में चल रहे रोहित शर्मा ने ये लगातार 9वीं सीरीज में शतक जड़ अपनी काबिलियत एक बार फिर दिखा दी है। उनका बल्ला चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के बाद से लागातार गरज रहा है और वे हर सीरीज में शतक मार रहे हैं।

रोहित शर्मा के क्रिकेट का सफ़र

इस बल्लेबाज की प्रतिभा को पहचानते हुए भारतीय टीम के चयनकर्ताओं ने रोहित को 2007 में ही वनडे में आयरलैंड के खिलाफ खेलने का मौका दे दिया । इसके कुछ महीने बाद ही रोहित को अपना पहला टी-20 मैच इंग्लैंड के विरुद्ध खेलने का अवसर मिला ।
रोहित अपने क्रिकेट कैरियर की शुरूआत में मध्यक्रम मे बल्लेबाजी करते थे। 2007 टी-20 विश्वकप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पचासा और 2008 में ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ में 33.57 की औसत से 2 अर्धशतक को देखकर सब इस बल्लेबाज की बैटिंग स्टायल के कायल तो हो गए।
लेकिन इसके बावजूद रोहित का करियर हमेशा झूलता रहा और कभी भी स्थिर नहीं रहा । बल्लेबाजी में निरन्तरता की समस्या हमेशा रही । जिसका नतीजा ये हुआ कि वो कभी भी टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए। लेकिन इसके बावज़ूद भी उनके टैलेंट पर किसी ने उंगली नहीं उठाई।
कुम्बले से लेकर सचिन और गावस्कर तक हर किसी ने उनकी प्रतिभा की तारीफ की, लेकिन बात फिर आकर अटक जाती थी कंसिसटेंसी यानी कि निरन्तरता और जिसकी वजह से वे हमेशा आलोचकों के निशाने पर रहे

जब सबसे बुरे दौर से गुज़रना पड़ा

रोहित के लिए साल 2012 सबसे बुरा साबित हुआ । इसकी शुरुआत जुलाई 2012 में श्रीलंका की सीरीज से हुई, जिस पूरी सीरीज में वह मात्र 13 रन बना सके थे। और फिर क्या उनके प्रदर्शन का पहिया पूरे साल इसी ढर्रे पर चलता गया। जिसका नतीजा ये हुआ रोहित इस पूरे साल में 12.92 की औसत से मात्र 168 रन ही बना पाए।

रोहित की लाइफ में चाणक्य की ऐन्ट्री

अब यहां से शुरू होती है चन्द्रगुप्त मौर्य और चाणक्य की कहानी जैसे चाणक्य ने चन्द्रगुप्त के अंदर छिपी प्रतिभा को एक नजर में पहचान लिया था और चन्द्रगुप्त के लाख गलती करने पर भी चाणक्य ने चन्द्रगुप्त पर भरोसा बनाए ऱखा और प्रशिक्षित कर मगध का राजा बना दिया । ठीक वैसे ही धोनी ने रोहित की जिंदगी में चाणक्य बनकर ऐन्ट्री ली । इतना लचर प्रदर्शन करने के बावजूद धोनी का रोहित पर भरोसा बरकरार रहा।

 

चैंपियंस ट्राफी का गोल्डन टाइम

और फिर आया साल 2013 , चैंपियंस ट्रॉफी ,जगह थी इंग्लैंड और धोनी ने रोहित शर्मा को पारी की शुरुआत करने भेज दिया। फिर क्या शर्मा जी का लड़का मानों इसी दिन के इंतजार में बैठा था। रोहित शर्मा ने शुरुआती दो मैचों में 2 पचासे लगाते हुए शिखर के साथ सौ-सौ रन की साझेदारी कर दी । उसके बाद तो एक वो दिन था और एक आज का दिन है , इस खिलाड़ी ने कभी पीछे मुड़कर ही नहीं देखा।

 

अभी भी टेस्ट मैच में नहीं हुए हैं पास

वनडे और टी-20 में तो रोहित का सिक्का चलने लगा है लेकिन वो टैस्ट मैच में आज भी कुछ खास नहीं कर पाए हैं। इयान चैपल ने एक बार रोहित के लिए कहा था कि भारत को सचिन के बाद 4 नम्बर का टैस्ट खिलाड़ी मिल गया। लेकिन रोहित इस बात पर खरे नहीं उतर पाए।
अपने लगातार 2 टैस्ट में दो शतक लगाने के बाद उनको अगले सैकड़े के लिए 4 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। बीच बीच में कभी इक्का दुक्का 50 मारकर टैस्ट ऐवरेज को कुछ स्थिरता देने की कोशिश करते रहे।
रोहित ने 25 मैचों में करीब 40 के औसत से 1479 रन बनाए हैं । वहीं एशिया के बाहर उन्होंने 12 मैचों में 23 के औसत से मात्र 502 रन बनाए हैं । जिसको देखकर लोग उनकी टैस्ट मैचों में तकनीकि पर ही सवाल उठाने लगे । जिसके बाद आईपीएल 2018 के बाद रोहित ने खुद कह दिया कि वह अब अपने टैस्ट करियर के बारें में चिंतित नहीं हैं ।

कुछ भीमकाय रिकॉर्ड

आज रोहित के नाम ऐसे बड़े-बड़े रिकॉर्ड हैं जहां तक और सब क्रिकेटर पहुँचने की सोच भी नहीं सकते –

 एक वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड
 वनडे क्रिकेट में 3 दोहरे शतक
 वनडे मैच की पारी में 16 छक्के
 अन्तरारष्ट्रीय टी-20 मैच में सबसे तेज 35 गेंदों पर शतक
 वनडे मैच की पारी में 33 चौके लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज
 वनडे में सबसे ज्यादा 6 बार 150 से ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड

कप्तानी में भी है गज़ब का औसत

रोहित शर्मा को हम लेजी ऐलीगेंस का खिलाड़ी कहते हैं । वो मैदान पर भी शांत स्वभाव के दिखते हैं और मैदान के बाहर भी । लेकिन जब हम रोहित शर्मा को कप्तान के रोल में देखते हैं तो वे और भी ज्यादा सुलझे, और शांत नज़र आते हैं । जो एक बेहतर लीडर का गुण भी होता है ।
रोहित अभी तक कप्तान के तौर पर 7 मैच खेल चुके हैं । और इस दौरान उन्होंने 121.50 के विशाल औसत के साथ 486 रन बनाए हैं । जो कप्तान कोहली के 83 के औसत से कहीं ज्यादा है।

गावस्कर ने की क्लाइव लॉयड से तुलना

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखे अपने क़ॉलम में रोहित की कप्तानी की तारीफ करते हुए उनकी तुलना वेस्टइंडीज के महान कप्तान क्लाइव लॉयड से कर दी। उन्होंने कहा कि रोहित कप्तानी करते हुए अपनी भावनाओं पर बहुत ही आसानी से काबू पा लेते हैं। उन्होंने रोहित की कप्तानी का एक दिलचस्प किस्सा शेयर करते हुए कहा कि जब किसी फील्डर से कोई मिसफील्ड होती है या कैच छूट जाता तो रोहित हल्का सा मुस्करा देते हैं और वापस स्थान पर चले जाते हैं । जिससे फील्डर दबाव मे नहीं आता।

 

सोई हुई शक्तियों का विशेषण हैं रोहित शर्मा

रामायण के किरदार कुम्भकरण को हमेशा नकारात्मक क्षवि में देखा गया है। कुम्भकरण को अगर उस क्षवि से बाहर निकाल कर देखा जाए तो वो सोई हुई शक्तियों का विशेषण भी है। भारतीय़ क्रिकेट में भी ऐसा ही एक कुम्भकरण है। क्रिकेट की ऐसी शक्ति जो सो रही है तब तक कोई बात नहीं लेकिन जब जागती है तो दूसरों को सोने नहीं देती। इस महाशक्ति का नाम है महाबली रोहित शर्मा। उनकी बॉडी लैंग्वेज कभी एक आक्रामक क्रिकेटर की नहीं रही लेकिन जब बल्ला हाथ में आया तो बॉलर के छक्के छुड़ा डाले।

हालिया प्रदर्शन को देखते हुए कह सकते हैं कि रोहित शर्मा जो कभी एक स्लीपिंग ब्यूटी की तरह थे वो अब जागकर और बेहतरीन हो गए हैं । देश का छिपा हुआ कालाधन बाहर आए या ना आए लेकिन रोहित शर्मा का छुपा हुआ टैलेंट बाहर आ गया है और अच्छे दिन भी । जिससे रोहित ,भारतीय क्रिकेट टीम, और दर्शकों सभी का फायदा है ।

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