30 घंटों का सफर 96 घंटों में पूरा कर रहीं है ट्रेने, यात्री परेशान, रेलवे ने बतायी ये वजह
दिल्ली से बिहार के मोतिहारी जा रही ट्रेन ने 30 घंटे की यात्रा को चार दिन में पूरा कर समस्तीपुर पहुंची, मजदूरों ने बताया है कि ट्रेन पिछले 4 दिनों से उन्हे घुमा- घुमा कर ले जा रही है.
देश में lockdown 4.0 लगा हुआ है ऐसे में राज्यों की सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को अपने राज्य में वापस लाने के लिए रोजाना सैकड़ों श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई है, लेकिन कुछ ट्रेन ऐसी भी है, जो 30 घंटों का सफर 96 घंटों में पूरा कर रहीं है है. रास्ते में भूख, प्यास और गर्मी से बेहाल मजदूरों की सब्र की सीमा पार हो चुकी है और वह हंगामा करने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
बात ये है कि दिल्ली से बिहार के मोतिहारी जा रही ट्रेन चार दिन में समस्तीपुर पहुंची, जबकि यात्रा मात्र 30 घंटे का है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें मोतिहारी का टिकट दिया गया है और ट्रेन पिछले 4 दिनों से उन्हे घुमा- घुमा कर ले जा रही है. ये सिर्फ एक ट्रेन का मामला नहीं है बल्कि समस्तीपुर पहुचने वाली अन्य ट्रेन भी चंद घण्टों के सफर को दिनों में बदल रहीं हैं. लोगों का कहना है कि मुसीबत के वक्त वो घर लौट रहे हैं और अब ये सफर भी मुसीबत बन गई है.
ऐसे ही समस्तीपुर पहुंची एक ट्रेन के यात्री गगन ने कहा है कि मैंने पुणे में 22 मई को ट्रेन पकड़ी थी और छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल की सैर कराते हुए ट्रेन 25 मई को दोपहर में समस्तीपुर पहुंची.
एक अन्य यात्री धर्मेंद्र ने कहा कि उन्होंने पुणे में ट्रेन पकड़ी थी. पूरा इंडिया घुमाते हुए 70 घंटे बाद ट्रेन समस्तीपुर पहुंची. जबकि यात्रा में महज 36 घंटे लगते हैं.
एक यात्री ने बताते हैं कि जिस स्टेशन पर ट्रेन रूकती थी तो करीब 2-3 घंटे खड़ी ही रहती थी. इस बीच न तो उन्हें खाना मिलता था और न ही पानी.इस प्रचंड गर्मी में परेशान यात्री कई जगहों पर आक्रोशित होकर तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दे चुके हैं.
इस पर रेलवे प्रशासन का कहना है कि ट्रैक खाली नहीं मिलने की वजह से रूट डायवर्ट किया जा रहा है. कोशिश की जा रही है कि मजदूरों को खाना- पानी दिया जा सके.
रेलमंडल की सीनियर डीसीएम सरस्वती चन्द्र बताते हैं कि कई सारी ट्रेन अनियमित तरीके से चल रही है, क्योंकि पाथ (ट्रैक खाली) नहीं है. कहीं तो कुछ ट्रेन शॉर्ट नोटिस पर चलाया गया है. इसके कारण ट्रेनें लेट हो रही है. हमलोग कोशिश कर रहे है कि हमारे डिवीजन में ट्रेनें लेट न हो.
आपको बता दें कि दिल्ली से मोतिहारी के लिए चली ट्रेन चार दिनों में समस्तीपुर पहुंची, जहां पर ट्रेन में एक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी तो महिला को ट्रेन से उतारा गया. हाल ये था कि महिला ने बिना किसी मेडिकल सुविधा के ही एक बच्ची को प्लेटफॉर्म पर ही जन्म दिया. इसकी जानकरी मिलते ही रेलवे के सीनियर डीसीएम अपनी गाड़ी लेकर महिला को अस्पताल पहुंचाने आ गए.