घाटी में तीसरे दिन भी बंद रहे बाजार, कई इलाकों में माहौल ख़राब
जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद गुरुवार को राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर अतिरिक्त सुरक्षा बरती गई। राजभवन के आसपास के इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए। उधर लगातार तीसरे दिन घाटी के विभिन्न हिस्सों में बाजार बंद रहे जबकि श्रीनगर के कुछ हिस्सों से सुरक्षा बलों व प्रदर्शकारियों के बीच झड़पों की भी खबरें भी आई।
गुरुवार को राजभवन में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर गिरीश चंद्र मुर्मू के शपथ ग्रहन से पहले पूरे शहर में सुबह से ही सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। सभी संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई थी और राज भवन के आस पास की सड़कों पर वाहनों के आवगमन को रोका दिया गया था। जगह-जगह पर राइट कंट्रोल गियर के साथ सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों की तैनाती की गई थी।
वहीं इस बीच लगातार तीसरे दिन भी घाटी में रोजाना की तरह सुबह 6 से 10 बजे तक खुलने वाले बाजार भी बंद रहे। श्रीनगर के लाल चौक समेत डाउनटाउन में भी आम जनजीवन प्रभावित रहा। श्रीनगर के डाउन टाउन के कुछ इलाकों में सुबह पत्थरबाजी हुई। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर चल रहे वाहनों को भी निशाना बनाया।
सूत्रों के अनुसार ईदगाह इलाके में करीब 20 से 25 गाड़ियों को निशाना बनाते हुए उनके शीशे तोड़े , लेकिन बाद में पुलिस ने स्थिति को अपने नियंत्रण में किया। हालांकि इसकी पुलिस द्वारा पुष्टि नहीं की गई। उधर कारगिल में भी लगातार तीसरे दिन भी बंदी देखने को मिला।
जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन के बाद गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश अस्तित्व में आने का जहां भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है वहीं अन्य दलों ने इस पर नाराजगी जताई है। नेका नेता एवं सेवानिवृत्त न्यायाधीश हसनैन मसूदी ने यूटी के गठन की पूरी प्रक्रिया को असंवैधानिक बताया है।
भाजपा के राज्य प्रवक्ता खालीद जहांगीर ने कहा, यह बदलाव शांति, विकास और सम्मान के लिए है और हमारे प्रधानमंत्री की जम्मू-कश्मीर को लेकर जो दृष्टि है वह आने वाले दिनों में देशवासियों के आशीर्वाद से भलीभूति होगी।