अब कनाडा के लोग बिना डर के पूछ सकेंगे – ये कहाँ का माल है भाई !

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marijuana

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कभी सुना है धमाका कनाडा में हुआ और धमक भारत में हुई हो। अगर नहीं तो इस बार सुन लो कनाडा में एक ऐसी घटना घटित हुई है जिसकी चर्चाएं कनाडा से ज्यादा भारत में हो रही हैं। दरअसल कनाडा में अब गांजे के इस्तेमाल को कानूनन वैध कर दिया गया है। अब वहां के वयस्क गांजे को खुदरा विक्रेताओं से आराम से बिना डरे और बिना मुँह छिपाए खरीद सकते हैं। इसके साथ ही अब वहां के लोग 30 ग्राम से ज्यादा गांजा या कहें माल को बोझिझक अपने साथ रख के घूम सकते हैं।

नई व्यवस्था के तहत अधिकृत डीलरों से भांग के पौधे हासिल करके कनाडाई लोग अपने घरों में भी इसके अधिकतम चार पौधे लगा सकेंगे। लेकिन अनधिकृत तरीके से इसकी बिक्री करना अभी भी जुर्म ही है, और नाबालिग को गांजा बेचने पर 14 साल की जेल का प्रावधान रखा गया है।

यही नहीं कनाडा में गांजे व इसके उत्पादों की खरीद-फरोख्त को वैध किए जाने के बाद वहां की सरकार करीब 2,661 करोड़ रुपये सालाना राजस्व लेकर अपनी जेब भी गरम रखेगी। इसको कहते हैं टआम के आम गुठलियों के दाम’। भारत में सोशल मीडिया पर कुछ लोग तो ये भी कहने लगे कि कनाडा के मौजूदा राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो को शान्ति का नोबल प्राइज दिया जाए।

वहीं दूसरी तरफ इस बारे में तय किए गए नए नियमों को लेकर देश के लोगों को जागरूक करने के लिए कनाडाई सरकार ने प्रचार अभियान शुरू करने का फैसला भी किया है।

चुनाव के दौरान किया था वादा

इससे पहले साल 2015 में चुनाव प्रचार के दौरान कनाडा के मौजूदा राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो ने गांजे को वैध करने का वादा किया था। इसके पीछे उनका तर्क था कि दुनियाभर में भांग और गांजे संबंधी उत्पादों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कनाडा में ही होता है जिसे रोकना मुमकिन नहीं है। आकंड़ों के मुताबिक साल 2017 के दौरान कनाडा के करीब 49 लाख लोगों ने लगभग 37 हजार करोड़ रुपये की कीमत के इन मादक पदार्थों का इस्तेमाल किया था।

माल (गांजा)
माल (गांजा)

भारत में भी है इसके चाहने वालों की बड़ी तादाद

वैसे आपको बता दें कि इस तथाकथित शान्ति को बढावा देने वाले पदार्थ के चाहने वालों की एक बड़ी तादाद भारत में भी है। जिनमें कुछ लोग समझते हैं कि इसको पीने से अरे माफ कीजिएगा पीने से नहीं, इसको फूँकने से कूल बन जाते हैं। कुछ का मानना है कि इसके सेवन से एकाग्रता बढती है और कुछ तो इसका ठीकरा भगवान भोले के सिर पर ही फोड़ देते हैं। और इसको भोले का प्रसाद बताकर भक्ति में लीन होने की बात करते हैं।

और हां गलती से भी इनसे इसके फायदे मत पूछ लेना नहीं तो इसको हिन्दू कल्चर से लेकर, ग्रंथ, सबका हवाला दे देंगे। सुबह से शाम हो जाएगी लेकिन फायदे खत्म नहीं होंगे। और हां, ये लोग इसको केवल गांजा नहीं कहते हैं ये इसको प्यार से “माल” स्टफ, पॉट, ग्रास ना जाने क्या क्या कहते हैं भइया। बताने वाला थक जाए इतने नाम रख दिए हैं। और सबसे बड़ी बात तो ये है कि जब ये लोग इसको फूँकते हैं तो इक बार मुँह को चिमनी बनाकर धुआँ निकालते हुए एक बात पूँछना नहीं भूलते – कहाँ का माल है भाई?

 

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