50 दिनों से कार में रहकर कर रहे लॉकडाउन का पालन, बताई ये वजह

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शादी-विवाह में कार चलाने वाले 30 वर्षीय शाहनवाज बीते करीब 50 दिनों से कार में ही रहकर लॉकडाउन का पालन कर रहे है। गांव सहसपुर, बिजनौर, यूपी निवासी शाहनवाज दरअसल में अपनी बहन के साथ सीलमपुर स्थित चौहान बांगर में रहते हैं पर जीजा ने उन्हें लॉकडाउन के पहले ही दिन घर से  बाहर निकाल दिया था। इसके अलावा शहर में रहने वाले अन्य रिश्तेदारों ने भी उन्हें अपने साथ अपने घर में रखने से मना कर दिया। तब से वह सीलमपुर सर्विस रोड पर अपनी कार में ही रहने को मजबूर है। शाहनवाज कार में ना सिर्फ सोते है बल्कि वह कार में ही इफ्तार, सहरी और खाने पीने का इंतजाम कर लेते है।

शाहनवाज का कहना है कि लॉकडाउन खुलते ही वह अपने घर चले जाएंगे। शाहनवाज अपने जीजा के साथ ही शादी-विवाह में गाड़ी चलाने का काम करते थे । लॉकडाउन के पहले दिन ही शाहनवाज और उनके जीजा के बीच कुछ बात मनमुटाव हो गया। जिसके बाद जीजा ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। 

शाहनवाज अपना बैग और कार (स्कॉर्पियो) लेकर सीलमपुर सर्विस रोड पर आ गये । यहां आने के बाद उन्होंने अपने रिश्तेदारों को फोन करके साथ रख लेने की बात भी कही, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए सभी ने उन्हें अपने साथ रखने से इनकार कर दिया, हर तरफ से मायूस होकर दिल्ली में फंसे शाहनवाज ने अपनी गाड़ी में ही रहने का फैसला किया।

आसपास के लोगों को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने शाहनवाज को खाना-पीना मुहैया कराना शुरू कर दिया। नहाने और शौचालय के लिए वह वेलकम के सार्वजनिक बाथरूम का इस्तेमाल कर रहे है। स्थानीय लोग उन्हें सहरी और इफ्तार भी भिजवा देते हैं। कई बार ऐसा भी होता है जब शाहनवाज के पास खाने को कुछ नहीं होता तो वह भूखे पेट ही सो जाते है। यहां तक की वह नमाज भी अपनी गाड़ी में पढ़ रहे है।

अब तो उन्हें अपने बूढ़े पिता अब्दुल जब्बार और मां की याद भी सताने लगी है। शाहनवाज का कहना है कि सरकार लॉकडाउन खोले तो वह अपने बूढ़े माता-पिता के पास जाकर ईद मना सकता है। यदि लॉकडाउन में छूट नहीं मिली तो उसे ईद भी अपनी गाड़ी में ही मनानी पड़ेगी।

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