तो इस वजह से सरोगेसी से बेटी की माँ बनी थी शिल्पा शेट्टी

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इस साल फरवरी में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने सरोगेसी से एक बेटी को जन्म दिया है। शिल्पा की बेटी का नाम समिशा है, शिल्पा का पहले से एक बेटा भी है उसका नाम वियान है। मर्दस डे के मौके पर शिल्पा ने अपनी सरोगेसी से पहले गर्भधारण में हुई समस्या के बारे में बात की। शिल्पा ने एक वेबसाइट को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि वो कई सालों तक गर्भधारण की कोशिश करती रहीं लेकिन एक बीमारी के कारण बार-बार उन्हें गर्भपात से गुजरना पड़ा। शिल्पा शेट्टी ने बताया, “वियान के बाद हम लंबे समय से एक और बच्चा चाह रहे थे। लेकिन, मुझे कई कॉम्प्लिकेशंस से गुजरना पड़ा। मुझे एक ऑटो इम्यून डिजीज एप्ला (APLA) हो गई। जिसके कारण मेरे कई गर्भपात हुए। एक बार तो मैंने उम्मीद ही छोड़ दी थी।”उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहती थी कि वियान अकेला ही बड़ा हो। फिर हमने सोचा की चलो सरोगेसी से कोशिश करते हैं और तब तीन बार कोशिश करने के बाद हम फिर से माता-पिता बनने में सफल हुए। ”

आपको बता दें कि शिल्पा शेट्टी ने एप्ला नाम की जिस बीमारी के बारे में जिक्र किया है वो अधिकतर महिलाओं में पाई जाती है। जिसका पूरा नाम एंटीफोसफोलिपिड सिंड्रोम है।
मैक्स अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तान्या बख्शी रोहतगी कहती हैं, “एंटीफोसफोलिपिड सिंड्रोम एक ऑटो इम्यून बीमारी है। इसमें हमारा शरीर ऐसी कोशिकाएं बनाता है जो स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करके उन्हें खत्म कर देती हैं। ऑटो इम्यून में एक ऐसी खराबी पैदा हो जाती है जिससे असामान्य कोशिकाएं शरीर के थक्के जमने की प्रक्रिया पर हमला करने लगती हैं। इससे खून में जल्दी-जल्दी थक्के जमने लगते हैं।”

इस सिंड्रोम का असर शरीर की धमनियों, नसों और अंगों पर पड़ता है। उनमें खून के थक्के जमने से रक्तप्रवाह में बाधा आती है और अंगों में समस्याएं आने लगती हैं। इसके कारण गर्भ, किडनी, फेफड़े, दिमाग, हाथ-पैर आदि अंग प्रभावित होते हैं जिससे गर्भपात, अंगो का निष्क्रिय होना और आघात जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। डॉक्टर तान्या आगे बताती हैं कि “ये समस्या महिला और पुरुष दोनों में होती है। कई बार बच्चों को भी हो जाती है। लेकिन ये ज्यादातर महिलाओं में ही देखने को मिलती है।” डॉक्टर तान्या रोहतगी के माने तो महिलाओं में ऑटो इम्यून संबंधी बीमारियां ज्यादा पाई जाती हैं। ऐसा होने का कारण आनुवांशिक भी हो सकता है और हार्मोनल भी। महिलाओं के शरीर में मौजूद हार्मोन जैसे इस्ट्रोजन आदि के कारण भी उनका खून गाढ़ा होता है और थक्के जमने का खतरा ज्यादा होता है।”

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