कर्ज़ ने छीन ली पति,पत्नी और नवजात की जिंदगी
रामपुर के बिलासपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी जहां एक पति ने अपने नवजात शिशु और पत्नी को मौत की नींद सुला कर खुद भी मौत को गले लगा लिया। सूचना मिलते ही पुलिस वहां पहुंची और तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एएसपी सहित अन्य अधिकारियों ने मौका मुआयना किया और इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं।
ये घटना उत्तराखंड की सीमा से लगे डिबडिबा नामक गांव की सुभाष कालोनी की है। जहाँ प्रदीप रस्तोगी ( 27), अपनी पत्नी प्रीति रस्तोगी (25) और 3 महीने के पुत्र सचिन के साथ खजुरिया थाना क्षेत्र के ग्राम महतोष कालोनी में रहता था।पत्नी और बच्चे के अलावा प्रदीप के साथ उसका भाई राजीव रस्तोगी और चचेरा भाई अमन रस्तोगी भी रहते थे। प्रदीप की रुद्रपुर के पहाड़गंज में ज्वैलरी की दुकान थी। पुलिस के मुताबिक गुरुवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे प्रदीप ने गांव में रहने वाले अपने भाई सूरज को फोन किया और कहा कि उसने आज अपना परिवार खत्म कर लिया है और खुद को खत्म करने जा रहा हूँ। इसके बाद प्रदीप ने फोन काट दिया। जब सूरज ने राजीव को फोन पर पूरे मामले की जानकारी दी तो राजीव करीब साढ़े 12 बजे घर पहुंचा और देखा कि प्रदीप, प्रीति व सचिन का खून से लथपथ शव कमरे में पड़ा था।
राजीव ने मामले की सूचना कोतवाली और रुद्रपुर पुलिस को दी। कोतवाली प्रभारी माधो सिंह बिष्ट, सीओ केमरी अशोक कुमार पांडेय, सीओ स्वार ब्रहमपाल सिंह मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने शवों को कब्जे में लिया और मोहल्ले व परिजनों से मामले की जांनकारी जुटाने लगी। मोहल्ले वालों ने बताया कि किसी को भी गोली की आवाज़ सुनाई नहीं पड़ी इससे पुलिस अनुमान लगा रही है कि जिस बन्दूक से इस घटना को अंजाम दिया गया है उसमे साइलेंसर लगा होगा।
परिजनों ने पुलिस को बताया कि प्रदीप काफी समय से परेशान चल रहा था। उस पर करीब नौ लाख रुपये का कर्जा था। कर्जदार उसे काफी समय से परेशान कर रहे थे। वह दुकान पर गिरवी गांठ का भी काम करता था। संभावत: इसी के चलते उसने पत्नी और पुत्र की हत्या करने के बाद स्वयं आत्महत्या कर ली होगी।
प्रदीप की शादी करीब सात साल पहले बरेली जिले के थाना शाही के कस्बा दुनका निवासी प्रीति से हुई थी। पुलिस अधीक्षक और एएसपी ने भी घटना स्थल का निरीक्षण कर असलियत का पता लगाने के निर्देश कोतवाली प्रभारी को दिए हैं।