पिछले 6 साल से ये पिता-पुत्र राम मंदिर हेतु बना रहे ऐसी खास मूर्तियां
अयोध्या राम जन्म भूमि विवाद का फैसला अब जल्द ही आने ही वाला है। लेकिन पिछले कई सालों से राम मंदिर निर्माण के लिए मूर्तियां बनाई जा रही हैं,यह काम अनवरत रूप से जारी है। इस समय अयोध्या के विवादित स्थल से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित हनुमानगढ़ी के पास रामसेवकपुरम में ख़ास मूर्तियां का निर्माण जारी है। ये मूर्तियां रामायण के दृश्यों के आधार पर बनाई जा रही हैं जिनको विश्व हिन्दू परिषद द्वारा तैयार किया जा रहा है। इसमें सबसे खास बात यह है कि इन ख़ास मूर्तियों को असम के रहने वाले मूर्तिकार रंजीत मंडल बना रहे हैं। इस काम मै उनका सहयोग उनके पिता नारायण मंडल भी कर रहे हैं। ये दोनों पिता पुत्र पीछले 6 सालों से यहीं रुके हुए हैं और अपना ये मूर्ति का काम कर रहे हैं।
इस बारे में रंजीत का यह कहना है कि उनके विहिप के नेताओं ने राम मंदिर परिसर के लिए भगवान राम के जीवन से जुड़े दृश्यों पर आधारित मूर्तियां बनाने के लिए कहा था। इसके बाद उन्होंने रामचरितमानस,रामायण और तस्वीरें वाली धार्मिक किताबों का अध्ययन किया। इतना ही नहीं बल्कि इन मूर्तियों में जीवंतता लाने के लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र,कर्नाटका और तमिलनाडु में भगवान राम से जुड़े हुए धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हुए उनका निरीक्षण भी किया और जहां काफ़ी वक़्त गुजरा।
रंजीत का अपनी इस कला के बारे में कहना है कि वो मूर्तियों के माध्यम से रामायण का कोई एक दृश्य बनाते हैं। वो अब तक करीब 40 मूर्तियां बना चुके हैं तथा ऐसी ही 60 से ज्यादा और मूर्तियां बनाई जाएंगी। ये मूर्तियां 4 से 5 फीट तक ऊंचाई वाली हैं। इन मूर्तियों का पहनावा बंगाल की संस्कृति को जबकि मुखारबिंद उत्तर भारत के लोगों जैसे हैं। इसी वजह से देशभर से आने वाले लोग इन मूर्तियों के साथ जुड़ाव महसूस करेंगे। हालांकि इस काम को पूरा होने में अभी 4-5 साल का समय और लग सकता है।