‘सांवले रंग’ की वजह से पत्नी ने दी जान, पति पर फब्तियां कसने का आरोप
उसका दाम्पत्य जीवन छह माह से भी छोटा रहा। राजस्थान के झालावाड़ जिले में 21 साल की भूली बाई उर्फ मांगी बाई के लिए सांवला रंग कथित रूप से मौत का सबब बन गया। परिजनों का आरोप है कि भूली का पति दिनेश उसके रंग रूप को लेकर फब्तियां कसता था। इससे आहत होकर भूली ने कुएं में छलांग लगा कर अपनी जान दे दी।पुलिस ने उसके पति के ख़िलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला संगठनों का कहना है कि न केवल सांवला रंग बल्कि औरत के गोरे रंग पर भी उसे निशाने पर लिया जाता है। तब उसके चाल चलन पर शक किया जाता है।
मध्यप्रदेश की सीमा से सटे झालावाड़ जिले में बकानी थाना क्षेत्र के गणेशपुर गांव की भूली का इस साल अप्रैल माह में ही पास के बांस खोयरा गांव के दिनेश लोधा से विवाह हुआ था। बकानी के थाना-अधिकारी बलवीर सिंह ने बीबीसी को बताया कि भूली के पिता देवीलाल की शिकायत पर पति दिनेश के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया गया है।
‘फब्तियां कसता था पति’
पुलिस ने दर्ज रिपोर्ट के अनुसार देवीलाल ने आरोप लगाया है कि उसका दामाद शादी के बाद से ही भूली के रंग को लेकर तंज करता था। वो उसे कथित रूप से काली-कलूटी कह कर अपमानित करता था। झालावाड़ के पुलिस उपाधीक्षक गोपाल मीणा ने बीबीसी को बताया कि मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर गई गई है।
पुलिस को दिए बयानों में देवीलाल ने बताया कि दिनेश विवाह के बाद से ही भूली को प्रताड़ित करने लगा था। इससे परेशान होकर उनकी बेटी मायके आ गई थी। लेकिन अभी भूली वापस ससुराल गई थी। देवीलाल ने पुलिस को बताया कि दिनेश उसे साफ कह दिया कि उसका रंग काला है ,वो उसे नहीं रखेगा। इस घटना से भूली ने खुद को बहुत अपमानित महसूस किया और उसने कुँए में डूब कर जान दे दी।
भूली के पिता देवीलाल ने पुलिस को बताया कि रविवार को ही वो अपनी बेटी को ससुराल छोड़ कर आया था। इसके बाद सोमवार को उसे फोन पर जानकारी दी गई कि भूली की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने भूली के शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर उसे परिजनों को सौंप दिया है।
राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष लाड कुमारी जैन कहती है, “रंग रूप और काबिलियत के सारे मापदंड महिलाओ पर ही लागू किए जाते हैं। अगर उसका रंग गोरा है तो उसके चाल-चलन पर संदेह किया जाता है।”
वे कहती हैं कि विडंबना यह है कि भारत ने महात्मा गाँधी के नेतृत्व में रंगभेद के ख़िलाफ लड़ाई लड़ी और उसी देश में महिलाओ के साथ रंग रूप को लेकर भेदभाव किया जाता है।