गर्म भगौने में गिरकर झुलसी 3 साल की मासूम,सामने आई मिड डे मील बनाने वाली की बड़ी लापरवाही

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भागीरथी प्रसाद उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रामपुर अतरी गांव के रहने वाले हैं। सोमवार देर शाम को उनके घर में मातम छा गया, जब खबर आई की उनकी 3 साल की मासूम बच्ची नहीं रही। दरअसल भागीरथी प्रसाद की 3 साल की बेटी आंचल घर के बगल में स्थित प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील के लिए बन रही सब्जी के भगौने में गिर गई थी। बुरी तरह झुलस चुकी बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

दुःखी भागीरथी प्रसाद (34 वर्ष) का कहना है ,”वह पिछले कुछ दिनों से अपने भाइयों के साथ विद्यालय जाती थी। हम भी खुश होते थे कि उसे विद्यालय जाने का आदत हो रहा है, अगले साल जब एडमिशन कराएंगे तो रोने-धोने की अधिक परेशानी नहीं होगी। लेकिन अब सब खत्म हो गया।”, भागीरथी बताते है कि उनके दो बेटे गणेश और हिमांशु इसी स्कूल में पढ़ते हैं।आंचल वह पिछले कुछ दिनों से अपने भाइयों के साथ विद्यालय जा रही थी। उन्होंने विद्यालय के रसोइयों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “जब खाना बन रहा था और एक छोटी सी बच्ची आस-पास खेल रही थी तो वे लोग मोबाइल में इयरफोन लगाकर गाना सुन रही थीं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बच्ची के गिर जाने के बाद ये रसोइये उसे निकालने की बजाय भाग खड़ी हुईं, जिससे वह और बुरी तरह जल गई।”

जब तक मासूम को खौलते भगोने से निकाला जाता तब तक वह बुरी तरह से झुलस चुकी थी। परिवार वालों ने आनन फानन में गंभीर रूप से झुलसी बच्ची को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे जिला अस्पताल, मिर्जापुर रेफर कर दिया गया। कुछ देर के इलाज के बाद देर शाम डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। मृत आंचल की मां और अन्य परिजन रो रोकर बेहाल है। वहीं बदहवास पिता को भी कुछ समझ नहीं आ रहा कि वह करे तो करे क्या। उन्हें अपनी लापरवाही का भी एहसास है कि उन्होंने अपनी छोटी सी बच्ची को ऐसे विद्यालय जाने दिया।


हादसे की जानकारी मिलते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होने पूरे मामले की जांच के आदेश संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को दिये है। बच्ची के विद्यालय में पहुंचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि विद्यालय में प्राथमिक और उच्च माध्यमिक कक्षाओं के साथ-साथ आंगनबाड़ी की कक्षाएं भी चलती हैं, जहां पर छोटे-छोटे बच्चे आते हैं। लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आंचल नाम की यह बच्ची आंगनबाड़ी में भी पंजीकृत नहीं थी, इसलिए बिना जांच के किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता। वीरेंद्र कुमार सिंह ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद लापरवाह दोषियों पर उपयुक्त कानूनी कार्रवाई होगी। वहीं जिले के जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने भी मामले को संज्ञान में लिया है। लापरवाही के मामले में डीएम ने विद्यालय के प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया है, वहीं साथ ही तैनात रसोइयों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है। कहा है कि जांच के बाद दोषियों पर उचित और कड़ी कार्रवाई होगी। मामले में पुलिस ने विद्यालय के 6 रसोइयों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

गौरतलब है की मिड डे मील बनाने को लेकर सख्त सरकारी नियम बने हुए हैं, जिसके अनुसार रसोई को कक्षाओं और बच्चों की पहुंच से अलग रखा जाना चाहिए। किसी भी छात्र को रसोई में जाने का आदेश नहीं होता है। इसके अलावा खुली जगह और किसी भी स्थान पर खाना नहीं बनाया जा सकता। इसके बाद भी अक्सर देखने को मिलता है कि मिड डे मील बनाने में छात्रों खासकर छात्राओं का सहयोग लिया जाता है। सुविधा के अनुसार, रसोइये रसोईघर की बजाय विद्यालय के खेल के प्रांगड़ में ही खाना बनाते हैं, जिससे आसानी से छात्र-छात्राएं रसोई के संपर्क में आ जाते है।

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