पाकिस्तान प्लेन हादसा: मौत के मुंह से वापस आये दो यात्री, बताया क्या हुआ था प्लेन क्रैश होने से पहले
पाकिस्तान में शुक्रवार को हुए भयानक विमान हादसे में 90 लोगों की मौत हुई है। इस हादसे में केवल दो लोग बच पाए हैं। इनमें से एक बैंक ऑफ पंजाब के प्रेसिडेंट जफर मसूद हैं और दूसरे मोहम्मद जुबैर। जुबैर ने हादसे का पूरा वाकया बताते हुए कहा कि विमान ठीक तरीके से उड़ रहा था लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले हम सबको तीन बार झटके महसूस हुए थे।
आपको बता दें शुक्रवार को फ्लाइट पीके-8303 ने लाहौर से उड़ान भरी थी और कराची के जिन्ना एयरपोर्ट पर इसे लैंडिग करनी थी। मोहम्मद जुबैर उन 99 यात्रियों में से एक है जो पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के एयरबस ए-320 एयरक्राफ्ट
से अपना सफर तय कर रहे थे, लैंडिंग के दौरान ये प्लेन हादसे का शिकार हो गया और एयरपोर्ट के पास घनी आबादी वाले इलाके में गिर गया। हादसे में 99 लोगों की मौत हुई जिनमे 9 बच्चे भी शामिल है।
अभी जुबैर का इलाज कराची के एक अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने बताया, ‘विमान सही तरीके से उड़ रहा था। मेरी सीट 8एफ थी। जब यह जिन्ना एयरपोर्ट पहुंचने वाला था, पायलट ने लैंडिंग की घोषणा की और सीटबेल्ट लगाने को कहा। लैंडिंग करते वक्त तीन बार झटके महसूस हुए। फिर यह रनवे पर पहुंचा और थोड़ी देर तक रनवे पर ही रहा। इसके बाद क्या हुआ मुझे पता नहीं चला, क्योंकि पायलट ने विमान को जमीन से ऊपर उठाया।’
आगे उन्होंने बताया, ‘इसके बाद 10 से 15 मिनट के लिए पायलट ने विमान उड़ाया। इसके बाद फिर लैंडिंग की घोषणा हुई। जब इस बार लैंडिंग की घोषणा की गई, मैंने नीचे देखा और मुझे लगा कि हम मालिर कैंटोनमेंट (जहां विमान को लैंड होना था) के ऊपर उड़ रहे हैं।
इसके बाद जब विमान लैंड करने वाला था कि अचानक हादसा हो गया। अगले ही पल बड़ा हादसा हुआ और मैं बेहोश हो गया। जब मैं होश में आया तो हर ओर धुआं ही धुआं था।’
अस्पताल प्रशासन ने बताया है कि जुबैर को हलकी चोटें आई हैं और अभी उनका इलाज चल रहा है। शुक्रवार को एक बयान में जुबैर ने कहा था कि कराची हवाई अड्डे के पास आते ही विमान लड़खड़ाने लगा था।
इस हादसे में जिंदा बचे दूसरे व्यक्ति जफर मसूद के कूल्हे की हड्डी और कॉलर बोन टूट गई है। दारुल सेहत अस्पताल प्रशासन ने बताया कि उनके शरीर पर जलने के निशान नहीं है, बस हलकी खरोंच हैं। साथ ही अस्पताल ने बताया कि मसूद का सीटी स्कैन कराया गया है और अब वह खतरे से बाहर हैं।