दर्दनाक: मौत की नींद सो चुकी माँ को जगाता रहा मासूम, देखे वीडियो
बिहार के मुजफ्फरपुर स्टेशन पर तपती गर्मी, भूख और डिहाईड्रेशन से एक महिला ने अपनी जान गवां दी. अब महिला की मौत की घटना पर रेलवे ने अपनी सफाई पेश की. रेलवे ने इसे एक भ्रामक खबर बताया है साथ ही कहा कि महिला की मौत की वजह उसकी बिमारी थी.
कोरोना वायरस में लगाए गए लॉकडाउन से यदि किसी की ज़िन्दगी में मुसीबत का पहाड़ टूटा है, तो वो हैं प्रवासी श्रमिक. श्रमिकों की मुश्किलें मानो जैसे खत्म ही नहीं हो रही है. बुधवार को सोशल मीडिया पर प्रवासी मजदूरों के दर्द का एक वीडियो वायरल होता रहा.
मई की तपती गर्मी और भूख से बेहाल होकर बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर एक महिला की जान चली गयी और उसका मासूम छोटा बच्चा अपनी माँ पर पड़ी चादर को हटाकर माँ को जगाने की कोशिश करता रहा वो मासूम इस बात से बिल्कुल बेखबर है कि उसकी माँ अब कभी नहीं उठेगी.
जानकारी के अनुसार इस महिला की मौत भीषण गर्मी, भूख और डिहाइड्रेशन के चलते हुई थी. महिला श्रमिक ट्रेन के जरिए मुजफ्फरपुर पहुंची थी. महिला के परिवारवालों ने मीडियो को बताया कि ‘हम जब गुजरात से ट्रेन में चढ़े थे तब सब ठीक था. महिला को कोई बीमारी नहीं थी. बीच में ट्रेन काफी देर रुकी रही, गर्मी के कारण तबीयत खराब हो गई. मुजफ्फरपुर स्टेशन से कुछ घंटे पहले ही ट्रेन में इनकी मौत हुई.’
कई लोगों ने इस में वीडियो इंडियन रेलवे के ट्विटर हैंडल को टैग कर रीट्वीट किया. जिसके बाद रेलवे का ब्यान आया और रेलवे ने अपने ब्यान में कहा कि उपरोक्त महिला पहले से ही बीमार थी. देहांत हो जाने के बाद परिवार ने स्टेशन पर उतार लिया था.
महिला के मौत के साथ एक ढाई साल के बच्चे की भी मौत का मामला सामने आया है .
मुजफ्फरपुर स्टेशन पर ही एक ढाई साल के बच्चे ने भी अपना दम तोड़ दिया. मृतक बच्चे के परिजन का कहना है कि भीषण गर्मी के कारण और ट्रेन में खाना-पानी नही मिलने के कारण बच्चे की हालत काफी बिगड़ गई और बच्चे ने स्टेशन पर ही दम तोड़ दिया. मां को दूध नहीं उतरा, जिससे कि वो बच्चे को दूध भी नहीं पिला सकी.
मृतक बच्चे के पिता बेतिया निवासी मकसूद आलम ने बताया कि वह दिल्ली में पेंटर का काम करता था. रविवार को अपने परिवार के साथ श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर के लिए चला. सोमवार की सुबह दस बजे उसकी ट्रेन मुजफ्फरपुर पहुंची. भीषण गर्मी के बीच ट्रेन में खाना-पानी नही मिलने के कारण बच्चे की तबियत खराब हो गई थी और मुजफ्फरपुर स्टेशन पर उतरते ही उसकी हालत और खराब हो गई. मकसूद आलम ने आरोप लगाया है कि वह मदद के लिए पुलिस और स्टेशन पर मौजूद जिला प्रशासन के पदाधिकारियों से संपर्क कर बच्चे के इलाज की गुहार लगता रहा, लेकिन उसकी बातसभी ने अनसुनी कर दी. वह स्टेशन पर 4 घंटे तक मदद के लिए इधर उधर भटकता रहा लेकिन घर जाने के लिए गाड़ी के साधन तक की जानकारी भी किसी ने नहीं दी और आखिरी में उसके बच्चे ने स्टेशन में अपना दम तोड़ दिया.