मोदी सरकार के इस बड़े फैसले से होगा दो राज्यों को बड़ा फायदा, कम हो जाएगी लगभग 800 किमी की दूरी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बंगलादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच हाली में हुए समझौते के कारण पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता तथा त्रिपुरा के श्रीमंतपुर शहर के बीच जल मार्ग से माल ढुलाई संभव हो गई है और इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी लगभग 1200किलो मीटर काम हुई है।

खबरों के मुताबिक पोट परिवाहन मंत्री मनसुख लाल मांडवीय ने सोमवार को कहा है कि कोलकाता से त्रिपुरा के बीच की सड़क मार्ग से दूरी 2000 किलोमीटर थी जो इस समझौते के बाद कम हो कर सिर्फ 800 किलो मीटर रह जाएगी। कोलकाता से चट्टग्राम की दूरी 600 किलोमीटर और उससे आगे सड़क मार्ग से यह दूरी महेज 200किलोमीटर के करीब होगी बस। इस समझौते के बाद माल ढुलाई की दर भी कम हो जाएगी और प्रदूषण तथा यातायात कि परेशानियों से भी राहत मिलेगी।

असम, मेघालय और त्रिपुरा जैसे राज्यों में भी अब सामान को जलमार्ग द्वारा पहुंचाया जा सकेगा। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि परिवहन व्यय में भी कमी आएगी। इसके लिए भारत और बांग्लादेश के बीच जलमार्ग समझौते का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार हो गया है।
उन्होंने कहा है कि बंगलादेश से पूर्वोत्तर के लिए मानक संचालन प्रणाली के तहत जिन स्थानों के लिए माल की ढुलाई करने की इजाजत होगी उनमें चट्ट ग्राम तथा मोंगला बंदरगाह से अखुरे होते हुए त्रिपुरा की राजधानी अगरतला, वाया तमाबिल से मेघालय के दावकी, श्यालो से होते हुए असम के सुतारकंडी तथा बिबिरबजार से होते हुए त्रिपुरा के श्रीमंटपुर तक है।

मांडवीय ने कहा कि उनकी सरकार पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए क्षेत्र को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जल मार्ग से माल ढुलाई प्रति टन एक रुपए है जबकि रेल से दो रुपए और सड़क परिवहन से तीन रुपए प्रति टन बैठती है। समुद्री मार्ग से अब भारी सामान को भी आसानी से पूर्वोत्तर तक पहुंचाया जा सकता है जिससे इस क्षेत्र का तेजी से विकास हो सकेगा।

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