जानिए कौन थी माॅडल जेसिका लाल, जिसके मुजरिम के रिहाई की हो रही है देश में चर्चा
बहुचर्चित जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा को सोमवार को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है. उनको रिहा करने की वजह जेल में उनका सबके साथ अच्छा बर्ताव बतायी जा रही है. साउथ दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट की एक पार्टी में सन 1999 को 29 और 30 अप्रैल की रात में जेसिका लाल की गोली मारकर हत्या की दी गई थी.
गोली मारने के आरोप में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. मनु ने जेसिका पर गोली सिर्फ इस वजह से चलायी थी क्योंकि जेसिका ने पार्टी में ड्रिंक परोसने से मना कर दिया था. बाद में जेसिका को अस्पताल ले जाया गया था लेकिन इससे पहले ही जेसिका दम तोड़ चुकीं थी. जेसिका लाल ने घर का खर्च चलाने के लिए मॉडलिंग करनी शुरू की थी. वो पार्ट टाइम के तौर पर दिल्ली के एक पब में काम किया करती थीं, जहां उनकी हत्या की गई.
दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड ने जेसिका लाल हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा की समय से पहले ही रिहाई की सिफारिश की थी जिस पर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने स्वीकृति प्रदान कर दी. 16 वर्ष से अधिक सजा काट रहे मनु शर्मा की सिफारिश उनके जेल में अच्छे व्यवहार के आधार पर लगाई गयी थी. ये काफी हाईप्रोफाइल मामला था जिसके चलते जेसिका लाल हत्याकांड ने सियासत की दुनिया में काफी सुर्खियां बटोरी थीं.
इसके अलावा बॉलीवुड में भी इस मुद्दे पर एक फिल्म ‘नो वन किल्ड जेसिका’ बन चुकी है, जिसमें विद्या बालन और रानी मुखर्जी मुख्य भूमिका में नजर आयीं थीं.
जेसिका लाल को इंसाफ दिलाने के लिए उनकी छोटी बहन सबरीना लाल ने बहुत लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी और आखिरकार सबरीना ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा दिलवाई थी.
मनु की रिहाई में भी सबरीना के माफ करने संबंधी बयान का अहम रोल रहा है. वर्ष 2018 में सबरीना ने कहा कि उसने मनु शर्मा को माफ कर दिया है और अगर उसे मुक्त कर दिया गया तो कोई आपत्ति नहीं होगी. सबरीना लाल ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा था, ‘मुझे सच में विश्वास है कि वह जेल में अच्छा काम कर रहा है.’साथ ही सबरीना ने कहा था कि वह 1999 से इस लड़ाई को लड़ रही हैं. अब हमें गुस्से को त्याग देना चाहिए.
1999 में 29 और 30 अप्रैल की रात में जेसिका लाल को ड्रिंक ना परोसने पर मनु शर्मा ने गोली मारी थी. इसके बाद 6 मई, 1999 को चंडीगढ़ की एक अदालत में मनु शर्मा ने सरेंडर कर दिया था. इसके बाद यूपी के बाहुबली नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव सहित 10 सह अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी हुई थी. वहीं 3 अगस्त, 1999 को आईपीसी की कई धाराओं के तहत जेसिका मर्डर केस में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी. इसके बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस केस को सेशन कोर्ट को सौंप दिया था.
एक गवाह मालिनी रमानी ने मनु शर्मा की पहचान जेसिका के कातिल के तौर पर की थी. जिसके बाद में रेस्टोरेंट और बार की मालकिन बीना रमानी ने भी मनु की शिनाख्त की थी.
लोअर कोर्ट ने सभी नौ अभियुक्तों के ख़िलाफ़ सबूत ना मिलने के कारण उनको बरी कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ वर्ष 2006 में दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी.18 दिसंबर, 2006 को हाईकोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी को दोषी घोषित किया था. 20 दिसंबर, 2006 को हाईकोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और साथ ही साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. 2 फरवरी, 2007 को मनु शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. 27 नवंबर, 2007 को सुप्रीम कोर्ट ने मनु की जमानत की दलील खारिज कर दी थी. 19 अप्रैल, 2010 को सुप्रीम कोर्ट ने मनु की उम्रकैद की सजा को जारी रखा था.
ये भी देखें :