दिल्ली में नजर आया कश्मीर जैसा माहौल, देखे तस्वीरें
दिल्ली के हिंसा के तीसरे दिन कहीं सुबह माहौल थोड़ा शांत जरूर रहा, तो वहीं पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की ख़बरें भी मिलती रहीं। जानकारी के मुताबिक करावल नगर, नूर-ए-इलाही, ब्रह्मपुरी, मंगलपुरी और मौजपुर में सुबह से ही हल्की पत्थरबाजी की घटनाये संज्ञान में आयी। दिल्ली के कुछ इलाकों में आवाजाही तो शुरू हुई है लेकिन साथ में लोगों के दिलों में बैठी आक्रमकता का भी साफ़ पता चल रहा है।
नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ देश की राजधानी दिल्ली में तबाही का माहौल बना हुआ है। आज नागरिकता कानून के विरोध के तीसरे दिन दिल्ली भी कश्मीर की तरह ही नजर आ रही है। एक तरफ लोग अपने घरों से निकलने में डर रहे है तो वही दूसरी तरफ लोग अपने आप को घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे है। दिल्ली के अस्पतालों में घायलों की संख्या बहुत अधिक है जिनमे से कुछ लोग मामूली चोटिल हुए तो कुछ अन्य लोग जिंदगी मौत के बीच जूझ रहे हैं। जब लोग जब अपने परिजनों को ढूंढने में नाकाम हो रहे है तो वो ना चाहते हुए भी शव गृह में अपनों की तस्वीर के साथ वहाँ पहुच रहे है।
दिल्ली की सड़कों पर उपद्रवियों की हिंसा को साफ़-साफ़ देखा जा सकता है। कहीं उपद्रवियों ने अपने गुस्से में स्कूल को निशाना बनाया, तो वही कुछ ने तो गाडियों के शोरूम को ही आग के हवाले कर दिया। पूर्वी दिल्ली की सड़कों पर उपद्रवियों ने पत्थर की चादर ही बिछा दी है। इस पूरी फैली हिंसा से माहौल इतना खराब हो गया है कि लोगों के लिए रोज़मर्रा की चीजों को खरीदना ही दूभर हो गया है । लोग खाने पीने जैसी आवश्यक चीज़ों को भी खरीदने में अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं। भजनापुर इलाके में जिनके घर में छोटे बच्चे है वो दूध लेने के लिए घर से निकले जरूर है पर उनको भी डेयरी में लंबी लाइनों में लगना पढ़ रहा है जिससे काफी मुश्किलें हो रहीं हैं।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजपुर के दौरे के लिए पहुंचे। मौजपुर उन इलाकों में से एक है जो इस हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। डोभाल ने आश्वासन देते हुए कहा कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। लोग भी संतुष्ट हैं। मुझे कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर विश्वास है। पुलिस अपना काम कर रही है। साथ ही कहा कि आप लोग घर जाइए। इतनी सारी फोर्स आपकी सुरक्षा के लिए ही तैनात की गयी है। जाते-जाते अजीत डोभाल ने स्थानीय लोगों से ये भी कहा कि सब लोग एक साथ मिलकर रहे।
अजीत डोभाल के दौरे से लोगों ने भी कुछ राहत की सास ली और साथ ही कहा कि आपने यहां आकर हमे कह दिया, इससे हममें हिम्मत आ गयी है ।
इस पूरी हिंसा में कई पुलिस वाले भी घायल हुए है इसके अलावा चांद बाग पुलिया के पास बहने वाले नाले में खुफिया विभाग के एक कॉन्स्टेबल का शव भी मिला। ये शव चांदबाग में आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के कर्मी अंकित शर्मा का शव है। 25 साल के अंकित आईबी में सिक्योरिटी असिस्टेंट की पोस्ट पर कार्यरत थे। उन पर पथराव किया और फिर शव को नाले में फेंक दिया गया। आईबी के अफसर अंकित चांदबाग के ही निवासी थे। वह ड्यूटी करके घर लौटे थे, जब दंगा हुआ तो घर से बाहर निकलकर जानकारी जुटाने लगे। परिवार ने एक स्थानीय पार्षद पर हत्या का आरोप लगाया है, जो कि ऑफिसर के घर के पास ही रहता है।