उत्तराखंड: छह महीने के बेटे संग मां ने पार की क्रूरता की हद, बैग में डालकर गंगा में बहाया
हरिद्वार: छह माह का बेटा बहुत रोता था और हमेशा स्तनपान ही करता रहता था, इससे परेशान होकर मां ने ही उसे गंगा में डूबाकर मार डाला। दिल झकझोर कर रख देने वाली इस वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मां पुलिस के पास पहुंची और बेटा गायब होने की सूचना दी। लेकिन पुलिस की तफ्तीश में मामला खुल गया।
बकौल एसएसपी आरोपी मां संगीता बैग में बेटे को डालकर हरिद्वार में आनंदमयी पुलिया के पास ले गई और गंगा में डूबाकर उसकी हत्या कर दी। बच्चे के दम तोड़ देने के बाद उसने शव गंगा में ही बहा दिया
मासूम बेटे के कत्ल के बाद महिला ने पुलिस को गच्चा देने की कोशिश जरूर की, लेकिन नाकामयाब रही। चंद सवालों में ही असलियत उसकी जुबां पर आ गई। कनखल पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो संदेह चंद मिनट में ही हकीकत में बदल गया।
आरोपी महिला ने सिलसिलेवार ढंग से कत्ल की दास्तां बयां कर दी। दरअसल, संडे की शाम जब मासूम के घर से रहस्यमय ढंग से गायब होने की खबर कनखल पुलिस को मिली, तब एसओ हरिओमराज चौहान खुद महिला के घर पहुंचे। उन्होंने जब संगीता से बातचीत की तो वह बिल्कुल सामान्य दिखाई दी। उसके चेहरे पर बेटे के लापता हो जाने जैसा कोई दुख नजर ही नहीं आ रहा था। यह बात एसओ को अटपटी लगी, फिर पुलिस ने अपनी जांच आगे बढ़ाई।
दीपक बलूनी के घर से लेकर मुख्य सड़क तक के सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए। मासूम के लापता होने से ठीक पौने घंटे पहले के एक सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस की राह बिल्कुल आसान कर दी। इसमें बच्चे की मां ही काले रंग का बैग कंधे पर टांगकर तेजी में जाते हुए और फिर चंद मिनट बाद ही आते हुए दिखाई दे रही है। जबकि उसने बताया था कि, जब वह डेयरी पर दूध लेने गई, तब बेटा गायब हुआ। एसओ ने उच्चाधिकारियों को विश्वास में लेकर मां को हिरासत में ले क्रास सवाल किए तो उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया।
मासूम के घर से गायब होने के बाद जब पुलिस घर पहुंची थी तब संगीता की बेटी आराध्या ने भी मां का नाम लेकर एक पुलिसकर्मी को चौंका दिया। दरअसल, आरोपी संगीता जब बेटे को लेकर गई थी उससे पहले उसने बेटी को छत पर छोड़ दिया था। लेकिन आराध्या ने मां को भाई को बैग में ठूंसते देख लिया था। कनखल थाने के एक पुलिसकर्मी की माने तो जब वह वहां पहुंचे थे तब बेटी ने तुतलाती जुबां में मां का नाम लिया था।
करीब एक माह पूर्व आरोपी संगीता ने सार्वजनिक स्थान पर बेटे को छोड़ देने की भी प्लानिंग की थी, लेकिन बाद में कदम पीछे खींच लिए। पुलिसिया पूछताछ में उसने बताया कि इसके लिए उसे बेटे को लेकर घर से जाना पड़ता। वक्त भी अधिक लगता। फिर वह कहानी क्या बनाती। इसलिए उसने यह कदम नहीं उठाया। गंगा के नजदीक होने के चलते नदी में डुबाकर मारने की प्लानिंग की। उसने सोचा था कि इस काम में उसे चंद मिनट लगेंगे और वह बेटे के घर से गायब होने की कहानी बना देगी।