भाजपा की नैतिक हार, कोई जश्न मनाने का दिन नहीं – आनंद शर्मा

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BJP's moral defeat

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग सामने हैं। हम जनादेश को सम्मान और विनम्रता से स्वीकार करते हैं और इस बात को भी कहना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की नैतिक हार हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उनका समूचा नेतृत्व जमीनी हकीकत से अलग था और उनका पूरा प्रचार उन मुद्दों पर आधारित था, जो आम जनमानस से संबंध नहीं रखते।

शर्मा ने कहा कि बीजेपी ने भ्रामक प्रचार किया, शासनतंत्र का दुरुपयोग किया, प्रशासन उनके कब्जे में था, तमाम साधन उनके पास थे, लोगों को प्रभावित करने का प्रचंड प्रचारतंत्र था और असली जो विषय हैं, जो किसान की तकलीफ से, मुश्किलात से जुड़े हैं, जो हमारे कृषि के क्षेत्र में एक भारी संकट है, हमारी अर्थव्यवस्था चरमरा रही है, बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है, बाजार और रुपया टूट रहा है, ये असली मुद्दे थे। इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी के नेतृत्व और बीजेपी के मुख्यमंत्रियों ने कोई बात नहीं की। चाहे वो देवेन्द्र फड़नवीस हों, चाहे वो मनोहर लाल खट्टर हों।

उसके बावजूद जो दिखाया गया था, अगर मैं कहूं दो दिन पहले, क्योंकि सरकार का बहुत प्रभाव दुर्भाग्यपूर्ण, आप पर तो नहीं है, पर मालिकों पर बहुत है, तो जो एग्जिट पोल में दिखाया गया, हमने उस दिन कहा था कि वो बिल्कुल गलत साबित होंगे और जो हमने कहा था वो सही हुआ। जो एग्जिट पोल थे, वो गलत साबित हुए।

आनंद ने कहा कि लोकसभा की तुलना में देखें, महाराष्ट्र का लें, तो भारतीय जनता पार्टी का लगभग 52 प्रतिशत वोट था और कांग्रेस के पास लगभग 32 प्रतिशत। पर विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी-शिवसेना की 224 सीटों पर बढ़त थी। ये 4 महीने पहले की बात है और 4 महीने के बाद दावा था 240 का, आई हैं- 154, तो सीधा आप देख लें कि कितनी सीटों की गिरावट है – 90 सीटों की। ये 4 महीने का फर्क है। मई, 2019 और अक्टूबर, 2019 का।

उसी तरह से अगर आप हरियाणा के अंदर देखें, तो हरियाणा में बीजेपी के पास जो वोट था – वो 58.2 प्रतिशत था और 79 सीट पर उनकी बढ़त थी। अब बीजेपी बहुमत खो चुकी है, 2014 में तो बड़ा मामुली सा बहुमत आया था। आज बीजेपी की हार हुई है। हम बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह जी के इस मत से सहमत नहीं हैं कि बीजेपी की बहुत बड़ी जीत हरियाणा में हुई है।

उन्होंने कहा कि अगर हम बीजेपी के दावे को मानें तो जीत की परिभाषा बदलनी पड़ेगी। मनोहर लाल खट्टर को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, इसीलिए कांग्रेस पार्टी ने और हमारे विधायक दल के जो नेता हैं, विपक्ष के नेता हैं हरियाणा में, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, उन्होंने आज एक आह्वान किया है कि जो लोग बीजेपी की विचारधारा और उसके कार्यक्रम, नीतियों के खिलाफ है, उन लोगों को एक साथ मिलकर इस जनादेश का सम्मान करना चाहिए। जनादेश एक वैकल्पिक सरकार, गैर बीजेपी सरकार के पक्ष में है। ये पूर्णतया स्पष्ट है।     

महाराष्ट्र में भी जो बड़े उत्सव के साथ, शोर के साथ दल-बदलकर लोगों को लेकर गए थे, उनमें उदयनराजे भोसले भी थे, लोकसभा के सदस्य, चाहे एनसीपी के थे, हमारे कोलिशन पार्टनर हैं, गठबंधन के साथी, उनका भी लोगों ने अच्छा हिसाब लिया है, उनकी जवाबदेही तय की है और बड़ी पराजय हुई है। भाजपा का आज कोई जश्न मनाने का दिन नहीं है। हमें मालूम है कि वो अहंकार में और प्रचार में इतना बह गए थे कि उस पर अंकुश लगाने में समय लगेगा, पर ये भारत के मतदाता, हरियाणा और महाराष्ट्र के मतदाता की परिपक्वता है, उनकी बुद्धिमता है, उनकी ईमानदारी है कि उन्होंने देश के प्रजातंत्र की आवश्यकता को समझते हुए, जो संतुलन पूरी तरह से बिगड़ रहा था, राजनैतिक और उसी तरह राजनैतिक संवाद का संतुलन, उसको कहीं बराबर लाने की कोशिश की है।

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