मौजूदा पता का दस्तावेज नहीं, फिर भी बनवा सकेंगे ड्राइविंग लाइसेंस, जानें ये नया नियम

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अगर डाकिया आपका ड्राइविंग लाइसेंस वापस भेज देता है तो परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।क्योंकि अब आपको तीन से चार महीने तक डीएल के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।आपका लाइसेंस वापस लौटने के बाद कुछ दिन में दोबारा से मिल जाएगा।इसके लिए आरटीओ कार्यालय गाजियाबाद रीजनल केंद्र होगा।नोएडा, बुलंदशहर और हापुड़ के ड्राइविंग लाइसेंस यहां से प्राप्त कर सकेंगे। विभाग से पत्र आने पर यहां से संबंधित जिलों को आसानी से डीएल वापस भेज दिए जाएंगे।रीजन के चारों जिलों में सैकड़ों की संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस लखनऊ वापस लौट रहे हैं,जिन्हें वापस मंगाने में दिक्कतें आ रही हैं।विभाग ने इसके लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है।

जहाँ पर ड्राइविंग लाइसेंस की आनलाइन प्रक्रिया से सुविधाएं हुई हैं,वहीं लोगों के सामने डीएल प्राप्त करने में बहुत सारी कठिनाइयां भी आ रही हैं।आनलाइन प्रक्रिया और टेस्ट के बाद चार से पांच दिन में लाइसेंस लोगों के घर पहुंच जाता था।लेकिन अब ऐसा नहीं है।अब मामला थोड़ा अलग है।

शासन ने पिछले काफी समय से डीएल में गड़बड़ी रोकने के लिए लखनऊ से लाइसेंस बनाकर भेजने की व्यवस्था की है। अब 15 से 20 दिन के अंदर लोगों के यहां ड्राइविंग लाइसेंस पहुंच जाता है,लेकिन कुछ लोगों के यहां लाइसेंस पहुंच ही नहीं पा रहा है।इसे डाकिया की गड़बड़ी कहिए या लोगों की? क्योंकि जब डाकिया लाइसेंस लेकर संबंधित व्यक्ति के घर पहुंचता है तो वहां ताला लगा मिलता है या घरों के पते ही गलत अंकित होते हैं।ऐसे में डाकिया लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस को लखनऊ के लिए वापस भेज देता है।लखनऊ लाइसेंस वापस जाने के बाद लोगों को तीन से चार महीने का इंतजार करना पड़ता है। उसके लिए भी लोगों को आरटीओ कार्यालय के 10 से 20 चक्कर काटने पड़ते हैं।सीधे लोगों के पास भी लाइसेंस नहीं पहुंचता है।

कभी कभी तो कई बार रिमाइंड कराने के बाद भी लाइसेंस नहीं भेजे जाते हैं।लखनऊ लाइसेंस वापस लौटने के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों को उनकी रिपोर्ट शासन में बनाकर भेजनी होगी।उस रिपोर्ट के बाद वहां से लाइसेंस वापस भेजे जाएंगे।बताया जाता है कि वहां कई हजार लाइसेंस प्रतिदिन बनते हैं और उन्हें पेक करके संबंधित जिलों को भेजा जाता है। ऐसी स्थिति में जो लाइसेंस वापस लौटकर आ जाते हैं, उन्हें भेजने के लिए समय नहीं होता है।

लाइसेंस वापस करने के बाद लखनऊ से संबंधित जिलों को डीएल वापस भेजे जाते थे,लेकिन अब संबंधित जिलों को न भेजकर नोएडा, बुलंदशहर और हापुड़ के लाइसेंस गाजियाबाद रीजनल केंद्र पर भेजे जाएंगे।आरटीओ कार्यालय संबंधित जिले के लाइसेंस के पैकेज बनाकर उन्हें भेज देगा। इससे लोगों के पास 10 से 15 दिन में लाइसेंस प्राप्त हो जाएगा।

जिलेभर से डाकिया द्वारा अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों के लाइसेंस वापस भेजे जा चुके हैं।इसमें से दर्जनों की संख्या में लोग प्रतिदिन आरटीओ कार्यालय पहुंचकर लाइसेंस दिलाने की गुहार लगाते हैं।अधिकारी कई बार पत्र लिखकर मांग कर चुके हैं,लेकिन अभी तक लाइसेंस वापस नहीं आए हैं।चालान कटने की लगातार हो रही कार्रवाई के कारण आए दिन भीड़ लगी रही है।

लखनऊ को वापस लौटे ड्राइविंग लाइसेंस का गाजियाबाद को रीजनल केंद्र बनाने के लिए अधिकारियों ने शासन पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि सैकड़ों की संख्या में चारों जिले के लोग परेशान होते हैं। उनकी समस्या के समाधान के लिए गाजियाबाद को केंद्र बना दिया जाए, जिससे लोगों की समस्या का निदान हो जाएगा।

शासन को प्रस्ताव जा चुका है। जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद नोएडा, बुलंदशहर, हापुड़ और गाजियाबाद के लोगों की समस्या का समाधान हो जाएगा। लोगों को महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

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