पुलिस ने फेक कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़,11 लोगों को किया गिरफ्तार
दिल्ली में फेक कॉल सेंटर चला रहे 11 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।इन लोगों पर 2 साल में 13 करोड़ रुपये के गायब होने का आरोप है।इन लोगों ने करीब 225 लोगों को चूना लगाया है।पुलिस को जानकारी मिली है कि इनके 6 राज्यों में चल रहे करीब 14 फर्जी अकाउंट भी है।
दिल्ली पुलिस ने इससे पहले भी एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था,जिसने अब तक कथित तौर पर कम प्रीमियम में हेल्थ इंश्योरेंस मुहैया कराने के नाम पर 350 लोगों के साथ धोखाधड़ी की।पुलिस ने पिछले हफ्ते दो महिलाओं को गिरफ्तार किया था,जिन्होंने पूछताछ में हैरतअंगेज खुलासे किए हैं।
ये महिलाएं कॉल सेंटर के कर्मचारियों से 5 पैसे से 50 पैसे प्रति कॉन्टैक्ट के हिसाब से ग्राहकों का डेटाबेस खरीदती थीं। पिछले हफ्ते साइबर सेल ने एक नकली कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया था,जिसके बाद पश्चिमी दिल्ली के विकास पुरी से सुमन लता (34) और ज्योति (33) को गिरफ्तार किया गया।
डीसीपी (साउथ वेस्ट) देवेंद्र आर्य ने बताया,’जब पुरानी नौकरी में अच्छा अप्रेजल नहीं मिला तो गैंग की कथित मुखिया सुमन ने हेल्थकेयर सर्विसेज बेचने के लिए फर्जी वेबसाइट्स बनाने का फैसला किया,ताकि लोगों को कम प्रीमियम पर इंश्योरेंस के नाम पर ठगा जा सके।वह पहले हेल्थकेयर सर्विसेज से जुड़े कॉल सेंटर में काम करती थी, जहां वह ज्योति से मिली’।
पुलिस के पूछताछ करने पर सुमन ने बताया कि उसने कई कॉल सेंटर्स के कर्मचारियों से संपर्क किया और पैसे के बदले लोगों की जानकारियां मांगी।मामले की जांच कर रहे वरिष्ठ अफसर ने बताया,’कर्मचारियों ने कॉल सेंटर्स के रिकॉर्ड से लोगों का डेटा चुराया और सुमन को दे दिया।
उसने इन लोगों को हर कॉन्टैक्ट की जानकारी जैसे प्रॉपर्टी, गाड़ी और परिवार की प्रोफाइल के हिसाब से पैसे दिए’।अगर उन्हें कोई ऐसा शख्स मिलता,जिसकी आय ज्यादा है और परिवार का कोई शख्स अस्पताल में भर्ती है तो वह 50 पैसे तक देती थी।मिडिल क्लास वाले कॉन्टैक्ट्स के लिए कीमत 30 पैसे थी।