उन्नाव कांड पीड़िता की आपबीती सुन मजिस्ट्रेट समेत डॉक्टरों की आंखें हुई नम
नई दिल्ली:-उन्नाव रेप केस में पीड़िता का बयान दर्ज होने के बाद जब पूछताछ हुई तो पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाई,जिसे सुन वहां मौजूद मजिस्ट्रेट से लेकर डॉक्टरों तक की आंखों में आंसू आ गए।पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए AIIMS के ट्रॉमा सेंटर में ही अस्थाई अदालत लगाई गई है।ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पीड़ित लड़की हादसे के बाद न केवल शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हो गई है,बल्कि वह इस समय मानसिक रूप से भी कमजोर है।
उसे वहां कोर्ट जैसा ही माहौल दिया गया ताकि वह वहां खुद को जज आदि के सामने सुरक्षित महसूस करे और उसकी न्याय की आस बनी रहे।कोर्ट में जज के अलावा केस से जुड़े जांच अधिकारी,तीन डाक्टरों के पैनल सहित मेडीकल स्टाफ को ही मौजूद रहने के ही आदेश हैं।बयान देते समय पीड़िता की तबीयत एक बार फिर बिगडने लगी,लेकिन डाक्टरों ने संभाल लिया।एम्स में अस्थाई कोर्ट दो दिन से चल रही है।ये एक आईसीयू रूम में बनी है,जहां बाकायदा कुर्सियों के अलावा डायस सहित चैम्बर भी हैं,ताकि पूरी तरह कोर्ट ही लगे।
मजिस्ट्रेट ने बीते दो दिनों में पीड़िता के बयानों को लिया,लेकिन शुक्रवार के दिन पीड़िता के बचाव पक्ष के वकील ने पूछताछ की।पूछताछ के दौरान रेप पीड़िता ने जब बोलना शुरू किया तो सभी चुप हो गए।सूत्रों के मुताबिक पीड़िता करीब 12 मिनट से ज्यादा बोली और इस दौरान उसने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के द्वारा पिता सहित उसके परिजनों पर किए गए जुल्म की कहानी बयां की।इस दौरान उसने ये भी कहा कि वह ऐसे मोड़ पर है,जहां अब उसे न तो कोई बहका सकता है और न ही उसे अब मौत का डर है।इसलिए उसके दिए गए बयानों में सौ फीसदी सच्चाई है।
जांच अधिकारियों के मुताबिक उन्नाव रेप प्रकरण में सीबीआई ने लगभग अपनी रिपोर्ट को तैयार कर लिया है। यही नहीं कोर्ट में केस में क्रास एग्जामिनिशेन भी शुरू हो गया है,जिससे साफ है कि इस केस में कोर्ट जल्द ही अपना निर्णय सुना सकती है।क्योंकि इस केस में पीड़िता के बयान न होना ही बड़ी बाधा बन रहे थे,लेकिन मौजूदा समय में पीड़िता की हालत अब स्थिर है और उसने बयान दे दिए हैं,जिसके बाद कोर्ट चंद तारीखों के बाद अपना निर्णय सुना सकता है।