बरेली: 19 साल की उम्र में हुईं दोनों किडनी खराब, मायूस परिवार को है 3 साल से डोनर की तलाश
जिस उम्र में बच्चे अपने ख्वाबों की दुनिया सजाते हैं, कभी घरवाले तो कभी वो खुद लोगों को बताते हैं कि मैं ये बनूँगा मैं वो बनूँगा। और फिर अपने ख़्वाबों को पूरा करने के लिए वो जुट जाते हैं। कुछ ऐसे ही सपने संजोए थे उत्तर प्रदेश के बरेली के अभि जायसवाल ने लेकिन सब कुछ प्लानिंग के हिसाब से होता तो बात ही क्या थी। प्रकृति को कुछ और ही मंजूर था और मात्र 19 साल की उम्र में अभि की दोनों किडनियां खराब हो गयी। और इंतहा ये हुई की पूरे घर में कोई भी किडनी ट्रांसप्लांट के लिए हुए टेस्ट में क्लियर नहीं हुआ जिससे वो किडनी डोनेट कर पाएं।
एसआर इंटरनेशनल स्कूल उठाएगा किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च
अब हालात ये हैं कि 3 साल से अभि का परिवार डोनर की तलाश में है लेकिन अभी तक मायूसी ही हाथ लगी है। वहीं अभि के पापा का भी स्वस्थ्य सही नहीं रहने के कारण घर की आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल हो रही है।
अभि की माँ के मुताबिक खेतीबाड़ी से जो पैसे आते हैं उससे घर का खर्चा निकलता है। वहीं उन्होंने बताया कि बरेली के एस आर इंटरनेशनल स्कूल ने जहाँ वो पढाई करता था, अभि के डोनर का खर्चा उठाने की बात तो कही है लेकिन अभी तक कोई डोनर नहीं मिला है। वहीं आपको बता दें कि अभी जैसवाल का ब्लड ग्रुप O+ है।
रैप करने का है शौक
अभि बताते हैं कि उनको रैप करने का बहुत शौक था और स्कूल टाइम में ही उन्होंने बहुत सी रैप लिखीं भी थी, लेकिन ये सब हो जाने के कारण सब छूट गया । और अब बस हर दूसरे दिन डायलिसिस होती है यही याद है ।
डोनर की तलाश
हमारे सभी अंगों को खाक में मिल जाना है। कितना अच्छा हो कि मरने के बाद ये अंग किसी को जीवनदान दे सकें। अगर धार्मिक अंधविश्वास आपको ऐसा करने से रोकते हैं तो महान ऋषि दधीचि को याद कीजिए, जिन्होंने समाज की भलाई के लिए अपनी हड्ड़ियां दान कर दी थीं। उन जैसा धर्मज्ञ अगर ऐसा कर चुका है तो आम लोगों को तो डरने की जरूरत ही नहीं है। सामने आइए और खुलकर अंगदान कीजिए, इससे किसी को नई जिंदगी मिल सकती है। और अगर कोई है जो अभि जैसवाल की मदद कर सकता है तो इस मोबाइल नंबर पर संपर्क करें- 8279971635