सबरीमाला विवाद: स्मृति ईरानी ने कहा- क्या आप पीरियड्स के ब्लड में भीगा हुआ सेनेटरी नेपकिन अपने दोस्त के घर में ले जाएंगे!
सुप्रीम कोर्ट के केरल में सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने के आदेश के खिलाफ प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है । इसी बीच अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी सबरीमाला विवाद पर अपनी बात सामने रखी है। उनका कहना है कि सभी को प्रार्थना करने का अधिकार है लेकिन किसी चीज को अपवित्र करने का नहीं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि ये तो कॉमन सेंस की बात है । क्या आप पीरियड्स के ब्लड में भीगा हुआ सेनेटरी नेपकिन अपने दोस्त के घर में ले जाएंगे । आप नहीं ले जाएंगे । तो आपको लगता है कि भगवान के घर ऐसे जाना सम्मानजनक है ?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुलकर कुछ नहीं कहा जा सकता
स्मृति ईरानी ने ये बातें मुंबई में ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन और ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित यंग थिंकर्स कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा । हालांकि कार्यक्रम में उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वह खुलकर कुछ नहीं कह सकतीं ।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में 28 सितम्बर को सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध हटा दिया था। वहीं स्मृति ईरानी ने अपनी निजी जिंदगी के बारे में बताते हुए कहा कि मैं एक हिंदू घर की बेटी हूं और मैनें एक पारसी शख्स से शादी की है. मुझे यकीन है कि मेरे दोनों बच्चे भी पारसी धर्म का पालन करेंगे ।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हिंदू धर्म को मानती हूं और मैंने एक पारसी व्यक्ति से शादी की. मैंने यह सुनिश्चित किया कि मेरे दोनों बच्चे पारसी धर्म को मानें, जो आतिश बेहराम जा सकते हैं.” आतिश बेहराम पारसियों का प्रार्थना स्थल होता है ।
स्मृति ईरानी ने बताया कि जब उनके बच्चे आतिश बेहराम के अंदर जाते थे तो उन्हें सड़क पर या कार में बैठना पड़ता था. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं अपने नवजात बेटे को आतिश बेहराम लेकर गई तो मैंने उसे मंदिर के द्वार पर अपने पति को सौंप दिया और बाहर इंतजार किया क्योंकि मुझे दूर रहने और वहां खड़े न रहने के लिए कहा गया ।