दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों के बीच पकड़े गए संदिग्ध युवक ने किया चौंकाने वाला खुलासा

नए कृषि कानूनों के विरोध में देश के कई हिस्सों में किसान आंदोलन कर रहे हैं. इसी बीच दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के साथ धरना में शामिल एक संदिग्ध युवक को किसानो ने पकड़ा.
किसान नेताओं ने शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक हैरतअंगेज खुलासा किया है. किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने की साजिश की जा रही थी. पीसी में दावा किया गया कि किसान नेताओं की हत्या की भी योजना थी.
आपको बता दें कि नए कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शकार कर रहे किसानों ने इस बात का दावा किया है कि उन्होंने एक लड़के को पकड़ा है, जिसका कहना है कि वह ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भड़काने और किसान नेताओं की हत्या करने के लिए तैयार की गई 10 सदस्यीय टीम का हिस्सा है. इसके साथ ही संदिग्ध युवक ने एक पुलिस अधिकारी का भी नाम लिया था. किसानों ने संदिग्ध युवक को हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया है.
गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शामिल हुए सिंघु बॉर्डर पर पकड़े गए युवक ने राई के एसएचओ प्रदीप का नाम लेते हुए कहा कि उसने किसानों की हत्या करने की प्लानिंग की है जबकि एसएचओ राई का नाम विवेक मलिक है. इस थाने में प्रदीप नाम का कोई और पुलिसवाला नहीं है. मालूम हो कि राई थाने में बीते 7 महीने से तैनात एसएचओ विवेक मलिक का कहना है कि “मैं भी पीसी लाइव देख रहा था. मैं खुद हैरान हूं.”
वहीं, हरियाणा निवासी इस युवक ने पुलिस के सामने बताया कि वह दिल्ली अपने किसी परिचित के यहां आया था. 19 जनवरी की शाम को कुंडली इलाके में जा रहा था, तभी मुझे पकड़ लिया गया. जिसके बाद मेरी कैंप में ले जाकर पिटाई की गई. और उसके अगले दिन मुझसे कहा गया कि जो हम कहेंगे तुम्हें वही करना होगा.
इसके अलावा दिल्ली बॉर्डर से पकड़े गए इस संदिग्ध युवक ने बताया कि प्रदीप एसएचओ झूठ है, प्रदीप एसएचओ कोई है ही नहीं. कोई हथियार आए नहीं हैं तो वो मिलेंगे कैसे.
आपको बता दें कि किसान 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर रैली निकालने और कृषि कानूनों को रद्द करने की बात पर अडिग है.