मुठभेड़ में मारे गए पुष्पेन्द्र के गांव में तनाव बरकरार, अधिकारियों और परिजनों के बीच वार्ता

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झाँसी में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पुष्पेंद्र के गाँव में अभी भी बरक़रार है। परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है। गाँव में भारी पुलिस बल अभी भी तैनात है। पुलिस अधिकारी परिजनों को समझा रहे हैं, लेकिन परिजनों ने इंकार कर दिया। जिससे पुलिस और परिजनों के बीच में झड़प हो गई है।

आपको बता दें कि रविवार तड़के पुलिस मुठभेड़ में थाना एरच के करगुवां खुर्द निवासी पुष्पेंद्र के मारे जाने की खबर लगते ही लोगों में उबाल है। करगुवां खुर्द में स्थिति को देखते हुए तीन कंपनी पीएसी समेत भारी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात है।

मृतक पुष्पेंद्र के घर पर महिलाएं जमा हैं। तनाव बरकरार है। सोमवार को परिजनों ने अंतिम संस्कर करने से इनकार कर दिया। इस बीच अधिकरियों और परिजनों के बीच वार्ता हुई, जो विफल रही।

बातचीत के दौरान परिजनों और पुलिस अधिकारियों के बीच कहासुनी हो गई। परिजनों ने पुलिस के सामने ही नारेबाजी शुरू कर दी।
इस पर गांव में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ दिया। अब गांव की महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं।

परिजन पुलिस पर एफआईआर की मांग कर रहे हैं। साथ ही डीजीपी को बुलाने की मांग भी कर रहे हैं। बंद कमरे में फिर सपा नेताओं, मृतक के परिजन और रिश्तदारों के बीच वार्ता जारी है।

आपको बता दें कि शनिवार रात दुस्साहसिक तरीके से मोंठ थाने के इंस्पेक्टर पर हमला करने के बाद कार लूटकर भागने वाला थाना गुरसराय इलाके में पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया। मौके से दो साथी भाग निकले। कार से पुलिस ने दो तमंचे, कारतूस व मोबाइल बरामद किया है।

राज्यसभा सांसद डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ने मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए पुलिस पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग की है। वहीं, सपा कार्यकर्ताओं व परिजनों ने पुलिस पर कार्रवाई की मांग कोे लेकर मेडिकल कॉलेज के सामने शव रखकर प्रदर्शन भी किया।

शनिवार को रात करीब नौ बजे मोंठ प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह चौहान पर बमरौली बाईपास तिराहा के पास हमला किया गया था। आरोप लगाया था कि हमलावरों ने गोली चलाई। इसके वे बाद इंस्पेक्टर की कार लूट ले गए। घायल इंस्पेक्टर को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। इस मामले में देर रात एरच के करगुवां निवासी विपिन, पुष्पेंद्र व रविंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। बताया कि 29 सितंबर को बालू से भरा ट्रक बंद किए जाने के विरोध में इंस्पेक्टर पर हमला किया गया था। घटना के बाद पुलिस ने हमलावरों की घेराबंदी की।

एसएसपी डॉ.ओपी सिंह के अनुसार, गुरसराय क्षेत्र में रात करीब 2.30 बजे फरीदा गांव के पास सड़क पर कार आती दिखी। पुलिस ने कार को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान कार सवारों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाब मेें पुलिस ने भी गोली चलाई, जो पुष्पेंद्र के सिर में जा लगी।

मौका पाकर दोन साथी भाग निकले। पुलिस टीम पुष्पेंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंची, जहां उसे मृत घोेषित कर दिया गया। पुलिस ने कार से तमंचे, कारतूस व मोबाइल बरामद किए हैं। शव का मेडिकल कालेज में पोस्टमार्टम कराया गया। परिजनों ने शव सुपुर्दगी में लेने के बाद मेडिकल कॉलेज के सामने जाम लगाकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, देर शाम पुलिस टीमें फरार आरोपियों की तलाश में जुटी रहीं।

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