कृषि मंत्रालय ने नोटबंदी पर अपनी रिपोर्ट में मोदी को किया झूठा साबित, कहा किसानों की कमर टूटी
प्रधानमंत्री के द्वारा 8 नवंबर को अचानक से रात मे की गई नोटबंदी के 2 साल हो गए हैं । उसके बावजूद ये पूरे दो साल चर्चा का विषय बना रहा है। कभी सरकार इसके फायदे गिनाते हुए नजर आती है तो कभी विपक्ष इसकी नाकामियों की लिस्ट बनाकर दिखाता हुआ दिखता है।
लेकिन अब कृषि मंत्रालय ने भी नोटबंदी को हानिकारक मान लिया है । वित्त मंत्रालय की स्टेंडिग कमिटी को सौंपी गई रिपोर्ट में कृषि मंत्रालय ने नोटबंदी को किसानों की कमर तोड़ने वाला बताया है।
वहीं आपको बता दें कि बीते दिनों ही प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के झबुआ में सभा को संबोधित करते हुए नोटबंदी की तारीफ की थी । उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के दीमक को साफ करने और बैंक सिस्टम में पैसा वापस लाने के लिए नोटबंदी की कड़वी दवा जरूरी थी । बता दें कि जिस दिन मोदी रैली में ये भाषण दे रहे थे उसी दिन मंत्रालय ने ये रिपोर्ट सबमिट की थी।
कृषि मंत्रालय ने बताया कि नोटबंदी से नकदी की भारी कमी हो गई, जिससे किसान खाद-बीज नहीं खरीद सके । रबी और खरीफ के बीज खरीदने के लिए नकदी की जरूरत होती है जो नोटबंदी के कारण पूरी नहीं हो सकी । जिसके कारण किसान की पूरी तरह से कमर टूट गई।वहीं नोटबंदी के असर पर एक रिपोर्ट भी कृषि मंत्रालय ने संसदीय समिति को सौंपी है ।
इसके अलावा एक और बात उजागर हुई है जो किसानों की दयनीय हालत को दिखाती है। रिपोर्ट के मुताबिक कैश की कमी के चलते राष्ट्रीय बीज निगम के करीब 1 लाख 68 हजार क्विंटल गेंहूँ के बीज बिक ही नहीं सके । हालांकि हालात बिगड़ते देख सरकार ने पुराने नोटों से बीज खरीदने की इजाजत दे दी थी, लेकिन मंत्रालय ने यह भी माना है कि इसके बावजूद बीज की बिक्री में तेजी नहीं आ पाई ।इसके उलट श्रम मंत्रालय ने नोटबंदी के दिनों में रोजगार में बढ़ोतरी दिखाई है।