लखनऊ : कोरोना संक्रमित को दो घंटे कड़ी धूप में एम्बुलेंस में ही छोड़ दिया, तड़प कर तोड़ दिया दम
नगराम के बहरौली गांव का रहने वाले 45 वर्षीय ताज मोहम्मद बीते 10 मई को लखनऊ आये थे। जिसके बाद से ही वह गांव के बाहर बने क्वारंटीन सेंटर में रह रहे थे।रविवार सुबह क्वारंटीन सेंटर में तबीयत बिगड़ गई।जिसके बाद एंबुलेंस से उन्हें पहले नजदीकी सीएचसी ले जाया गया, जहां से उन्हें बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस उन्हें लेकर बलरामपुर अस्पताल पहुंची तो लेकिन यहां पर अस्पताल स्टॉफ ने कोरोना संदिग्ध मानकर उनको एंबुलेंस से नीचे ही नहीं उतारा। दो घंटे तक एंबुलेंस में तड़पते रहे और आखिरकार उनकी मौत हो गई। मृतक के भतीजे फैज ने बताया कि शनिवार रात उन्हें तेज बुखार आया था जिसके चलते परिवारीजनों ने पैरासिटामॉल दवा खिला ईद थी लेकिन रविवार सुबह अचानक उनकी हालत और बिगड़ गई। एंबुलेंस से उन्हें पहले गोसाईगंज सीएचसी ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया।
सुबह करीब 11 बजे एंबुलेंस उन्हें लेकर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड पहुंची पर डॉक्टर व स्टॉफ ने उन्हें कोरोना का संदिग्ध मानकर एंबुलेंस से नीचे ही नहीं उतारा। साथ ही भतीजे फैज अहमद का आरोप है कि वह भर्ती के लिए डॉक्टर व स्टॉफ से गुहार लगाता रहा, मगर कोई सुनवाई न हुई। इस दौरान भीषण गर्मी में एंबुलेंस में पड़े प्रवासी ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया।
मौत के बाद भी एक घंटे तक एंबुलेंस में ताज मोहम्मद का शव पड़ा रहा। भतीजे का आरोप है कि एक घंटे बाद सफाईकर्मी आए और शव को सील किया गया।
घटना से नाराज परिवारीजनों ने हंगामा किया। मौके पर पहुंचे अफसरों ने शव को सील कराकर मर्च्युरी में रखवा दिया है और नमूने को जांच के लिए भेजा गया है।
बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि तीमारदार के आरोप बेबुनियाद है। मरीज को प्राथमिक उपचार दिया गया था। उसकी हालत गंभीर थी, जिसकी वजह से मौत हुई।
आपको बता दें कि यह पहली घटना नहीं है जब राजधानी के क्वारंटीन सेंटरों में ठहरे प्रवासी की संदिग्ध हालात में मौत हुई है। इससे पहले भी काकोरी के सिमरामऊ निवासी सूरज (22) पुत्र गुड्डू ने क्वारंटीन सेंटर में अपना दम तोड़ दिया था। गुड्डू छह दिन पूर्व हरियाणा से आये थे। जिसके बाद उन्हें गांव के बाहर बने स्कूल में क्वारंटीन किया गया था। तब से ही वो बीमार चल रहे थे। बीते मंगलवार की देर शाम उन्हें तेज बुखार आया था। जिसके चलते केजीएमयू ले जाते समय ही उनकी मृत्यु हो गयी थी, पर उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव पायी गयी थी।