शर्मनाक:पोस्टमार्टम गृह के बाहर जमीन साफकर दुपट्टा बिछाए पिता के शव को रखने को मजबूर हुई एक बेटी
उत्तर प्रदेश के कन्नौज में मंगलवार को एक दिल बैठा देने वाला मामला सामने आया है जहां एक हादसे में अपनी जान गंवाने वाले किसान के शव को जिला अस्पताल द्वारा उसके परिजनों को एक स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं करायी गयी। ऐसे में किसान के शव को उसकी बेटी को पाेस्टमार्टम गृह के बाहर जमीन पर ही लिटाना पड़ा। पोस्टमार्टम गृह के बाहर गंदगी देख मृतक के घर वालों ने खुद सफाई भी की।
सदर कोतवाली क्षेत्र के जेवां-अटारा में रहने वाले किसान महेश सोमवार को बाइक की टक्कर लगने से बुरी तरह से घायल हो गए। परिजनों ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने महेश को कानपुर के लिए रेफर कर दिया।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि एंबुलेंस चालक से कानपुर चलने के लिए कहा तो पहले उसने मना कर दिया फिर शिकायत करने की बात कहने पर वह घायल किसान को कानपुर ले जाने की जगह राजकीय मेडिकल लेकर पहुंच गया। यहां डॉक्टरों ने जांच के बाद किसान महेश को मृत घोषित कर दिया। इससे परिजनों में चीख पुकार मच गई। एंबुलेंस चालक मृतक किसान को जिला अस्पताल की मोर्चरी के बाहर ही रोड पर छोड़कर चला गया।
यहां पर महेश के शव के लिए उसके परिजनों को स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराया गया तो बेटी ने तेज धूप में ही पिता को जमीन पर लिटाते देख अपना दुपट्टा जमीन पर बिछा दिया। काफी देर तक बेटी अकेले पिता के शव से लिपटकर रोती रही पर इस सबके बाद भी किसी स्वास्थ्य कर्मी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। करीब एक घंटे बाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे ग्रामीणों ने बेटी की सहायता की और शव को तेज धूप से उठाकर टीन शेड के नीचे रखा। इससे पहले गंदगी देख परिजनों ने परिसर की सफाई भी की।
इस पूरे मामले का वीडियो जब वायरल हुआ तो डीएम राकेश कुमार मिश्रा ने संज्ञान में लिया साथ ही सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप को मामले की जांच के निर्देश भी दिए हैं। सीएमएस डॉ. यूसी चतुर्वेदी ने कहा कि उधर, जिला अस्पताल से किसान के शव को स्ट्रेचर पर ही पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया था। कर्मचारी शव को स्ट्रेचर पर छोड़कर पोस्टमार्टम हाउस की चाभी लेने आया तो परिजनों ने ही शव को जमीन पर लिटा दिया। एंबुलेंस चालक की भूमिका की जांच कराई जाएगी।
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