झलकारी बाई महिला अस्पताल में प्रसूता की मौत पर हुआ जमकर बवाल, लगा जाम

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लखनऊ- हजरतगंज स्थित झलकारी बाई महिला अस्पताल में सोमवार रात प्रसूता की मौत पर जमकर बवाल हुआ। धक्कामुक्की के बीच अस्पताल के नर्सिंग कक्ष का दरवाजा टूट गया। मृतका के परिवारीजनों ने प्रसव के बाद इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। बवाल के दौरान हजरतगंज मार्ग पर जाम लग गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर तीमारदारों को खदेड़ दिया। करीब घंटे भर मार्ग जाम रहा।

मौके पर हंगामा कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास करती पुलिस

कैसरबाग के कंधारी बाजार निवासी तेज कुमार की पत्नी सुनीता की तबीयत रविवार को अचानक खराब हो गई थी। परिजन उसे झलकारी बाई महिला अस्पताल ले गए। आरोप है कि डाक्टर ने सर्जरी से डिलिवरी की बात कही। वे इनकार कर दिए। सोमवार को नॉर्मल डिलीवरी हुई। बच्चे के जन्म के बाद सुनीता को वार्ड में शिफ्ट किया गया। परिवारीजनों का आरोप है कि वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान सांस लेने में तकलीफ हुई। इसके बाद भी नर्सिंग स्टाफ ने कुछ ध्यान नहीं दिया। सामान्य बात कहते हुए वार्ड में लिटा दिया। कुछ देर बाद फिर तबीयत बिगड़ गई। वे डॉक्टर और स्टाफ  को बुलाते रहे लेकिन कोई नहीं आया।

बच्चे की मौत के बाद हंगामा

शोर मचाया तो लगाया मास्क, कीड़े पड़े थे
परिवारीजनों ने शोर मचाया तो डॉक्टर आए और ऑक्सीजन का मास्क लगा कर चले गए। परिवारीजनों का यह भी आरोप है कि ऑक्सीजन मास्क काफी गंदा था। उसमें कीड़े पड़े थे। उसे लगाने की वजह से संक्रमण हुआ और प्रसूता की मौत हो गई।

हंगामा…हाथापाई…गेट टूटा
प्रसूता की मौत की खबर मिलते ही आसपास के रिश्तेदार जुट गए और वे हंगामा करने लगे। इस दौरान नर्सिंग कर्मियों से झड़प हुई। हाथापाई का भी आरोप है। इस दौरान नर्सिंग कक्ष का गेट टूट गया।

अस्पताल का टूटा गेट

…और कर दिया रास्ता जाम

गुस्साए परिवारीजनों ने मुख्य मार्ग जाम कर दिया। रास्ता जाम की सूचना पर हजरतगंज पुलिस मौके पर पहुंची और समझाने को बाद भी परिवारीजन हटने को राजी नहीं हुए तो हल्का बल प्रयोग किया। दो लोगों को हिरासत में ले लिया। काफी मशक्कत के बाद रास्ता खुलवाया।

प्रसूता की मौत के बाद हंगामा

सर्जरी के लिए परिवार ने कर दिया मना
गंभीर केस था। सर्जरी के लिए परिवारीजनों ने मना कर दिया। फिर भी किसी तरह प्रसव कराया गया। ऑक्सीजन मास्क के गंदा होने और लापरवाही का आरोप बेबुनियाद है। कोई डॉक्टर नहीं चाहती कि उसका केस गड़बड़ हो। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी। – डॉ उर्मिला आर्या, चिकित्सा अधीक्षक







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