वारदात: तीन बार आईएस आतंकियों को बेची गई 13 वर्षीय पीड़िता, रोजाना होता था यौन उत्पीड़न
महज 13 साल की उम्र में 3 अगस्त 2014 को आतंकी संगठन आईएस ने मुझे बंधक बना लिया। इसके बाद मेरी जिंदगी किसी नरक से कम नहीं थी। करीब एक साल तक वह मेरे साथ बहुत ही अमानवीय व्यवहार हुआ। तीन बार आतंकियों ने मेरी खरीद फरोख्त की। रोजाना मेरे साथ यौन उत्पीड़न होता था। अपहरण के बाद मुझे ऐसे घाव मिले हैं जिन्हें मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी। यह हृदय विदारक व्यथा है यजिदी दुष्कर्म पीड़िता की। मंगलवार को उसने मुंबई में अपनी दर्द भरी दास्तां दुनिया के सामने रखी। बचाए गए यजिदियों के दफ्तर के निदेशक हुसैन अल कादी ने स्थानीय एनजीओ के साथ मिलकर कुछ दुष्कर्म पीड़िताओं की एक प्रेस कांफ्रेंस कराई। इसमें सब की वही दुख भरी कहानी थी। जो उनके साथ आईएसआईएस के गढ़ उत्तरी इराक के सिंजर में घटी।
क्षेत्रीय कुर्द सरकार के प्रतिनिधियों और आईएर्सआएस की यातनाओं के शिकार हुए पीड़ितों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि संघर्ष वाले क्षेत्र से यजिदी और कुर्द लोगों को निकालकर उनके पुनर्वास करने में मदद करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सिंजर से अमेरिकी सेनाओं की वापसी एक गलत निर्णय है। इससे क्षेत्र में आईएसआईएस का आतंक बढ़ेगा खासतौर से यजिदी जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ।
वहीं अल कादी ने बताया कि साल 2014 में आईएसआईएस ने सिंजर पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद हजारों की संख्या में यजिदियों को पलायन करना पड़ा। सैकड़ों लोगों को या तो जिंदा दफना दिया गया या फिर जला दिया गया या फिर गोली मार दी गई।
युवाओं को अपने साथ जोड़कर आतंकी बना दिया गया जबकि महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने के साथ ही उन्हें दासी बना दिया। इसके अलावा उन्हें आईएसआईएस आतंकियों से शादी करने को भी मजबूर किया गया। ।