विश्वहिंदू परिषद ने कांग्रेस को शर्तिया समर्थन देने की बात कह डाली!
अब ऐसा लग रहा है कि चुनाव में केवल विरोधी ही नहीं अपने सगे भी मोदी का गेम बिगाड़ सकते हैं।
जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी को हराने की बात पर जोर देते दिखते हैं। जहां इस चुनाव से पहले ये कयास लगाए जा रहे हैं कि ये चुनाव मोदी विरुद्ध महागठबंधन होगा, और महागठबंधन में सारा विपक्ष एक साथ हो सकता है। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि चुनाव में केवल विरोधी ही नहीं अपने सगे भी मोदी का गेम बिगाड़ सकते हैं।
विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष (कार्याध्यक्ष)
आलोक कुमार ने राम मंदिर निर्माण के लिए कानून न बनाने पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों
लिया है। उन्होंने कहा ‘हमें लगता था कि ये सरकार कानून बनाएगी लेकिन अब लगता है कि
सरकार कानून नहीं लाएगी. कम से कम इस कार्यकाल में तो नहीं ही. इसलिए हम दूसरे
विकल्पों के साथ संतों के सामने इस मामले को रखेंगे।उन्होंने कहा कि 1 फरवरी को धर्म संसद में अब संत ही तय करेंगे कि हमें क्या
करना है?’
कुंभ मेला शिविर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा
कि हिन्दुत्व और राममंदिर को लेकर जो भी सकारात्मक दिखेगा, हम उसी के साथ जा सकते हैं।
यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस के साथ भी जा सकते हैं तो
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तो अपने दरवाजे हमारे लिए बंद कर रखे हैं. कांग्रेस
के साथ जाने के लिए पहले कांग्रेस सेवा दल से जुड़ना होता है। उन्होंने कहा कि यदि
कांग्रेस चुनावी घोषणा पत्र में राममंदिर निर्माण को शामिल करती है तो हम विचार
करेंगे.
हालांकि उन्होंने कांग्रेस पर राममंदिर मुद्दे को कोर्ट में
लटकाने का आरोप भी लगाया। वहीं बीजेपी का साथ देंगे के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह
संत ही तय करेंगे. हम तो पूरी स्थिति उनके सामने रखेंगे। हालांकि अगर वास्तविकता
पर ध्यान दें तो हिन्दुत्व और राममंदिर के बारे में बीजेपी के अलावा कोई दूसरी पार्टी
सोचने वाली तो नहीं दिख रही।