केरल में ‘ब्रेन-ईटिंग अमीबा’ का कहर, अब तक 42 मामले और 10 मौतें

0

कोच्चि।
केरल राज्य में एक दुर्लभ लेकिन घातक संक्रमण अमीबिक मेनिन्जोएन्सेफेलाइटिस ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। यह बीमारी आम तौर पर “ब्रेन-ईटिंग अमीबा” के नाम से जानी जाती है और अब तक राज्य में इसके 42 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है।

इस बीमारी का कारण Naegleria fowleri नामक एक सूक्ष्म अमीबा है, जो संक्रमित जल स्रोतों में पाया जाता है। यह अमीबा नाक के जरिए शरीर में प्रवेश कर मस्तिष्क तक पहुंचता है और मस्तिष्क की सूजन (meningoencephalitis) का कारण बनता है। विशेष रूप से बच्चे और किशोर इसके अधिक शिकार हो रहे हैं, क्योंकि वे गर्मियों और मॉनसून में तालाब या खुले जल स्रोतों में तैरते हैं।

राज्य सरकार ने तत्काल कदम उठाए हैं। ‘जलमानु जीवन’ नामक एक विशेष अभियान के तहत पानी की सफाई, क्लोरीनेशन, जागरूकता कार्यक्रम और स्कूलों में विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। जलाशयों और तालाबों की नियमित जांच और कीटाणुशोधन भी शुरू किया गया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह संक्रमण दुर्लभ ज़रूर है, लेकिन अत्यंत घातक है। दुनियाभर में इसकी मृत्यु दर लगभग 97% है, जबकि केरल में इसे लगभग 35% तक कम किया गया है, जो समय पर इलाज और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का परिणाम है।

सावधानियाँ:
नाक में पानी जाने से बचें, साफ-सुथरे जल स्रोतों का ही उपयोग करें, विशेष रूप से बच्चों को तालाबों या ठहरे हुए जल में तैरने से रोकें।

यह संक्रमण हमें याद दिलाता है कि साफ पानी केवल सुविधा नहीं, जीवन की सुरक्षा है।

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और खबरें