विदेश से भारत लौटे लोगों में पाए गए आठ अन्य प्रकार के वायरस, जाने उनके नाम और लक्षण
भारत आए लोगों में अभी तक कुल चार लोगों में यह वायरस मिला है। इस वायरस के लक्षण भी सर्दी, जुकाम, बुखार आदि हैं। लेकिन कुछ सावधानी रखने से इस वायरस से बचाव किया जा सकता है।
चीन के अलावा दुनिया के अन्य देशों से भारत में एकमात्र कोरोना वायरस ही नहीं आया है। जो लोग विदेशों से भारत वापस आए हैं उनके साथ 8 और श्वसन से जुड़े वायरस आए हैं। इस बात का खुलासा भारतीय वैज्ञानिकों के के द्वारा किए गए एक अध्ययन में हुआ है। इस अध्ययन में सरकार से अपील की गई है कि विदेश से भारत आने वालों की स्क्रीनिंग में अन्य वायरस की जांच को भी शामिल की जाए।
आपको बता दें कि केरल और पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों ने बीती जनवरी से फरवरी में विदेश से भारत आए 362 लोगों के सैंपल पर जब अध्ययन शुरू किया तो उन्होंने इनमे से 84 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसमे से सिर्फ कुल 4 लोगों में ही कोरोना वायरस मिला है।
अन्य लोगों में एक अलग प्रकार का श्वसन वायरस पाया गया हैं जिनके लक्षण एक समान हैं। वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि यह श्वसन तंत्र से जुड़े संक्रमण है। इनमें से कुछ भारत में पहले भी मिल चुके हैं अगर सावधानी न की गयी तो ये संक्रमण नुकसानदायक भी हो सकते हैं।
बाकी लोगों में इनफ्लुएंजा ए, बी, मानव कोरोनावायरस, राइनोवायरस, एडिनो और पैरा इनफ्लुएंजा वायरस पाए गए हैं। 84 लोगों में एक या एक से ज्यादा श्वसन से जुड़े वायरस मिले हैं। अन्य 10 लोगों में सह संक्रमण और बाकी 278 नेगेटिव मिले थे। कोरोना वायरस भी श्वसन तंत्र से जुड़ा हुआ एक संक्रमण है। 41 से 50 आयु के लोगों में संक्रमण का प्रभाव मिला है।
वैज्ञानिक डॉक्टर वर्षा पोतदार ने बताया, पॉजिटिव 57 लोगों में कफ एक प्रमुख लक्षण था। 48 लोगों में बुखार, 42 को गले में दर्द, 29 को जुकाम की परेशानी थी। संक्रमित में से 12 के सैंपल में एंटीवायरल और 31 के सैंपल में एंटीबायोटिक्स भी मिली है। बाहर से आने वाले लोगों में कोरोना के अलावा अन्य संक्रमण का पता लगाने के लिए यह अध्ययन किया गया था। अध्ययन के अनुसार, 22 जनवरी से 7 फरवरी तक लिए गए सैंपल सबसे ज्यादा संक्रमित मिले थे। नेशनल इन्फ्लूएंजा सेंटर सहित सात अन्य समूह में शामिल वैज्ञानिकों ने अध्ययन पूरा किया है।
कोरोना वायरस के अलावा जो वायरस लोगों में पाए गए है वो इनफ्लुएंजा ए, इनफ्लुएंजा बी, मानव कोरोनावायरस, राइनो वायरस, एडिनो वायरस, पैरा इनफ्लुएंजा (पीआईवी), आरएसवी, मैटानिमो हैं।
आइए जानते है इन वायरस के लक्षण और नुकसान
पैरा इनफ्लुएंजा (पीआईवी)
यह संक्रमण आमतौर पर सर्दियों में होता है। अभी तक कुल 10 लोगों में यह वायरस पाया गया है। इसके लक्षण भी अन्य तरह के फ्लू के समान ही मिलते-जुलते हैं।
इनफ्लुएंजा ए
भारत आए 25 यात्रियों में यह वायरस पाया है। इसका दूसरा नाम फ्लू भी है। यह सीधे श्वसन तंत्र पर प्रभावित करता है। ये खासी, जुखाम और हल्के बुखार के साथ शुरू होता है। यदि इसपर ध्यान ना दिया जाए तो यह बीमारी घातक रूप धारण कर लेती है।
इनफ्लुएंजा बी
इनफ्लुएंजा ए के ही जैसे इनफ्लुएंजा बी वायरस होता है जो कि 7 लोगों में पाया गया है। अन्य वायरस तुलना में यह वायरस मंद होता है।
मानव कोरोनावायरस
अभी तक 21 लोगों में इस वायरस की पुष्टि हुई है। दुनिया में अब तक कुल 7 तरह के कोरोनावायरस मिल चुके है। लेकिन फिलहाल जो कोरोनावायरस चल रहा है वह इससे काफी अलग है।
राइनो वायरस
विदेशों से भारत आए 15 लोगों में यह वायरस मिला है। इसका प्रभाव 5 दिनों के बाद इंसानो में दिखाई देता है।इसके लक्षण भी फ्लू जैसे ही हैं।
मैटानिमो
मानव मैटाफिनोमी वायरस अभी तक दो लोगों में पाया है। यह ऊपरी या निचले श्वसन रोग का कारण बन सकता है। मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर यह वायरस गंभीर भी हो सकता है।
आरएसवी
ये वायरस श्वसन से जुड़ा हुआ है और अब तक 6 लोगों में पाया गया। सांस फूलना या सांस लेने में दिक्कत होना इसके लक्षण हैं।
एडिनो वायरस
भारत आए लोगों में अभी तक कुल चार लोगों में यह वायरस मिला है। इस वायरस के लक्षण भी सर्दी, जुकाम, बुखार आदि हैं। लेकिन कुछ सावधानी रखने से इस वायरस से बचाव किया जा सकता है।