सुभाश्री की मौत पर हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, बहू के स्वागत में बेटी ने गंवाई जान
अन्नाद्रमुक नेता द्वारा लगाए गए होर्डिंग के गिरने से 23 साल की इंजीनियर सुभाश्री की मौत के मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को कड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि बहू के स्वागत के चक्कर में एक बेटी ने अपनी जान गंवा दी। पिछले महीने सितंबर में जिस होर्डिंग के गिरने से सुभाश्री की मौत हुई, वह अन्नाद्रमुक पार्षद सी जयगोपाल के बेटे की शादी के लिए लगाया गया था। अदालत ने यह टिप्पणी पार्षद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान की।
जयगोपाल ने अदालत के समक्ष कहा था कि होर्डिंग लगवाने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। मगर जस्टिस सी.वी. कार्तिकेयन ने उनसे पूछा कि जब आपने कुछ नहीं किया था, तो फिर आखिर क्यों घटना के 12 दिनों के बाद भी वह फरार हो गए थे। जयगोपाल को 27 सितंबर को पुलिस ने कृष्णागिरी जिले में गिरफ्तार किया था।
12 सितंबर को सुभाश्री स्कूटी से जा रही थी, तभी होर्डिंग उस पर गिर गया था । इस वजह से वह गिर गई और पीछे से आ रहे ट्रक ने उन्हें कुचल दिया। निचली अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद जयगोपाल ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने भी जमानत याचिका पर सुनवाई 17 अक्तूबर तक टाल दी है।
सुभाश्री के पिता रवि ने भी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया है। उन्होंने अपनी याचिका में पूरे मामले की जांच एसआईटी विशेष जांच दल से कराने की मांग की है। साथ ही उन्होंने एक करोड़ रुपये के हर्जाने की भी मांग की है।
सुभाश्री के पिता की याचिका में कहा गया था, ‘याचिकाकर्ता ने दुर्घटना और अपनी बेटी की मौत का सबसे पहला कारण सरकारी अधिकारियों की लापरवाही बताया है। सरकारी एजेंसियों की लापहरवाही की वजह से ही दुर्घटना वाले दिन सड़क से अवैध होर्डिंग हटाने का काम नहीं किया गया था।’