प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को पत्र लिखकर दी ये नसीहत

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर गरीब, किसान व मजदूरों की मदद करने के सुझाव दिये है। प्रियंका ने पत्र की शुरुआत में पहले मुख्यमंत्री योगी के पिता को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
मुख्यमंत्री योगी को लिखे गए पत्र में प्रियंका गांधी ने कहा कि कोरोना महामारी से पूरा जनजीवन प्रभावित हुआ है। किसान, गरीब और मजदूर वर्ग विकट स्थिति में पहुंच गए हैं। आर्थिक संकट ने मध्य वर्ग और सामान्य नौकरीपेशा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे में ये 11 सुझाव उनकी मदद कर सकते हैं। प्रियंका के द्वारा दिये गये सुझाव:

  • प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस माफी की घोषणा की जाए और लोन पर लगने वाली ब्याज दर शून्य करने के साथ ही इसे जमा कराने की बाध्यता छह महीने के लिए स्थगित की जाए।
  • किसानों के चार महीने के ट्यूबवेल और घर के बिजली के बिल माफ किए जाएं और उनके बकाया बिजली बिलों पर भी पेनाल्टी व ब्याज माफ किए जाए।
  • किसानों के लोन पर भी चार महीने का ब्याज माफ हो। उनके क्रेडिट कार्ड तथा अन्य लोन पर कटी हुई आर-सी पर तुरंत रोक लगाई जाए और उस पर भी पेनाल्टी और ब्याज माफ किया जाए।
  • किसानों की संपूर्ण फसल खरीदने की गारंटी दी जाए। गन्ना सहित सारे भुगतान तुरंत किए जाएं।

सुझाव के साथ साथ प्रियंका गांधी ने कुछ मांगें भी पत्र में रखीं…

  • शिक्षा मित्र, आशा बहनें, आंगनबाड़ी कर्मी, रोजगार सेवक/पंचायत मित्र व अन्य संविदा कर्मियों की कोरोना काल के दौरान सेवाओं को देखते हुए उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाए और एक महीने की सैलरी बोनस के रूप में दी जाए।
  • यूपी में छोटे व मंझोले उद्योगों का बैंक लोन माफ किया जाए। इनके बिजली के पेंडिंग बिलों पर भी उदारतापूर्वक विचार कर उन्हें राहत देने की घोषणा की जाए।
  • बुनकरों का बिजली का बिल माफ किया जाए और प्रत्येक बुनकर को प्रतिमाह 12 हजार रुपये क्षतिपूर्ति राशि दी जाए।
  • कालीन कारोबारियों व कारीगरों को आर्थिक मदद दी जाए। उनके बैंक कर्ज माफ किए जाएं।
  • चिकन उद्योग में लगे हर परिवार को न्यूनतम 12 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाए जिससे कि वह जीवन-यापन कर सकें।
  • प्रत्येक पोल्ट्री कारोबारी को प्रति मुर्गी 100 रुपये का आर्थिक सहयोग दिया जाए। अंत में प्रियंका गांधी ने कहा कि
  • उत्तर प्रदेश का कांच उद्योग, पीतल उद्योग, फर्नीचर उद्योग, चमड़े का उद्योग, होजरी उद्योग, डेयरी, मिट्टी बर्तन उद्योग, फिशरी व अन्य घरेलू उद्योगों को झटका लगा है। इसकी समीक्षा की जाए और इन्हें फिर से शुरू करने में मदद की जाए। फिलहाल के लिए इनके कर्ज माफ किए जाएं।

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