शर्मनाक : पिता नहीं भर पा रहा था बेटी की स्कूल फीस , अपने ही हाथों से मासूम को मार डाला

0

एक बाप ने महज इसलिए अपनी मासूम बेटी की हत्या कर दी कि वो बेटी के स्कूल की फीस नहीं भर पा रहा था। वह बेटी का गला दबाने के बाद खुद ही पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने पहुंच गया। मानवीय रिश्तों को शर्मसार करने वाली यह घटना कुरुक्षेत्र जिले गांव दबखेडा में गुरुवार देर शाम हुई। मृतका की मां हरजिंदर कौर ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उसका पति जसबीर सिंह कुरुक्षेत्र में कहीं प्राईवेट जॉब करता है। 

जसबीर 26 सितंबर को अपनी ड्यूटी से शाम साढ़े 6 बजे घर आया और पानी पीकर बेटी असमीत कौर के साथ खेलने लगा और उसे लेकर सैर करने घर से बाहर गली में चला गया। हरजिंदर कौर ने कहा कि वह रसोई में खाना बनाने लगी। जब वह खाना बनाकर रसोई से बाहर आई तो उसका पति बेटी असमीत कौर को गोद में लेकर आया, जो बेहोश पड़ी हुई थी। उसके पीछे-पीछे ससुर निर्मल सिंह भी आ गया। 

उसने बताया कि जसबीर सिंह ने बेटी का गला दबा दिया है। इसके बाद वह अपने जेठ नरेंद्र सिंह एवं जेठानी के साथ कार में बेटी को लेकर लाडवा में बच्चों के अस्पताल ले आई, लेकिन वहां डॉक्टर नहीं मिला, यहां से वह बच्ची को लेकर एक अन्य अस्पताल ले गए। यहां चिकित्सक ने बच्ची की गंभीर हालत देखकर कुरुक्षेत्र में बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाने के लिए कहा। जिस पर वे रतगल के सुंदर अस्पताल आ गए।

यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने हरजिंदर कौर की शिकायत पर उसके पति जसबीर सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरी ओर बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए कुरुक्षेत्र के एलएनजेपी अस्पताल भेज दिया है।

थाना प्रभारी ओमप्रकाश ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपनी बेटी की स्कूल की फीस जमा नहीं करा पाया था, जिस कारण उसकी पत्नी उसे रोज उलाहने देती थी। इससे तंग आकर उसने गला दबा कर बेटी की हत्या कर दी।

आपको बता दें कि असमीत कौर अपने मां-बाप की इकलौती संतान थी। मृतका असमीत कौर बहुत प्यारी और हाजिर जवाब होने के कारण अपने पिता जसबीर सिंह और मां हरजिंदर कौर ही नहीं बल्कि पूरे परिवार की लाडली थी। वह लाडवा के डीपीएस स्कूल में कक्षा एक की छात्रा थी। स्कूल निदेशक राजन वढेरा ने बताया कि वह स्कूल की सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी।

मृतका असमीत कौर डीपीएस किड्ज स्कूल लाडवा में पहली कक्षा की छात्रा थी। स्कूल के निदेशक राजन वढेरा ने बताया कि असमीत कौर की केवल दो माह की फीस 3800 रुपये बकाया थी। उन्होंने बताया कि मृतका के पिता ने एक सप्ताह पहले ही फोन करके कहा था कि वह जल्दी ही फीस जमा करा देगा। मृतका की फीस आमतौर पर उसके दादा जमा कराने आते थे।

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और खबरें